- एजुकेशन मिनिस्टर अरविंद पांडेय ने केंद्रीय स्टूडियो से वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से किया संवाद

- स्टेट के 500 स्कूल्स के प्रिंसिपल, टीचर्स, 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स से जुड़े

DEHRADUN: एजुकेशन मिनिस्टर अरविंद पांडेय ने ट्यूजडे को तपोवन स्थित नवोदय स्कूल के केंद्रीय स्टूडियो से वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से स्टेट के 500 स्कूल्स के प्रिंसिपल, टीचर्स, 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण करीब सात महीने तक बंद रहे स्कूल फ‌र्स्ट फेज में खुल गए हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का सभी स्कूलों की ओर से पालन करना जरूरी है। उन्होंने सभी स्टूडेंट्स से भयमुक्त होकर स्कूल आने की अपील भी की।

महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा

इस दौरान एजुकेशन मिनिस्टर ने स्कूलों में कोविड-19 महामारी से सुरक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि सभी की सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। मिनिस्टर ने स्कूलों से फर्नीचर, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, ऑनलाइन पढ़ाई, पाठ्यक्रम, पठन-पाठन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर वार्ता की। उन्होंने रवाईखाल, गौचर, चंपावत, सेलाकुई, हर्रावाला, बेतालघाट, दिनेशपुर, गदरपुर, काशीपुर, बागेश्वर, लैंसडौन, डीडीहाट, अगस्त्यमुनि, चंबा व उत्तरकाशी के स्कूलों की समस्याओं को तत्काल निस्तारित करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। स्टूडेंट्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी चिंता जायज है। सरकार की ओर से जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, उन्हें और बेहतर किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि वह बिना किसी भय के स्कूल आएं और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन कर अपनी पढ़ाई सुचारू रखें।

आदेश पर पैरेंट्स ने जताई आपत्ति

स्टेट गवर्नमेंट के 10वीं और 12वीं के स्कूलों को खोलने के आदेश पर पैरेंट्स ने आपत्ति जताई है। पैरेंट्स ने कहा कि अब जब गवर्नमेंट ने स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं, ऐसे में यदि कोई स्टूडेंट संक्रमित होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी सरकार खुद ले। मंडे को नेहरू कॉलोनी स्थित ऑफिस में नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) की मीटिंग हुई। इसमें पैरेंट्स ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण व स्टूडेंट्स की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर ¨चता जताई। पैरेंट्स ने कहा कि पूर्व में भी संगठन की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर आपत्ति जाहिर करते हुए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था। कहा कि अनलॉक में केंद्र सरकार ने स्कूलों को खोले जाने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ा। उत्तराखंड सरकार ने पैरेंट्स व स्कूल संचालकों की सहमति से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी और राजनीतिक प्रभाव के चलते स्कूल खोले हैं। इसके चलते रानीखेत में पहले ही दिन 12वीं के स्टूडेंट का संक्रमित पाया जाना और संबंधित स्कूल को फिर तीन दिन के लिए बंद किया जाना, इस बात का सुबूत है कि खतरा अभी टला नहीं है। यदि स्कूलों में अन्य स्टूडेंट संक्रमित होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी सरकार को खुद लेनी चाहिए, क्योंकि निजी स्कूलों ने जिम्मेदारी लेने से पहले ही पल्ला झाड़ लिया है। कहा कि यदि स्कूलों में कोई बच्चा संक्रमित पाया जाता है तो एसोसिएशन स्कूलों में तालाबंदी करेगी। कहा कि पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजकर उनकी सुरक्षा को लेकर खिलवाड़ नहीं करना चाहते।

Posted By: Inextlive