उत्तराखंड में पब्लिक को लगातार करंट के झटके पर झटके झेलने पड़ रहे हैं. पिछले छह माह में एक-दो नहीं तीन बार बिजली दामों में बढ़ोत्तरी की गई है. एक ओर जहां उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यूपीसीएल के घाटों की भरपाई को लेकर लगातार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग यूईआरसी मेहरबानी बरसा रहा है.

- 25 लाख बिजली उपभोक्ताओं से वसूले जाएंगे घाटे के 1355 करोड़ रुपए
- यूईआरसी के इस फैसले से पब्लिक में आक्रोश

देहरादून, ब्यूरो: यूईआरसी के खिलाफ भी पब्लिक का गुस्सा बढ़ रहा है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि यूईआरसी बिजली निगमों की कठपुतली बनकर रह गई है। लगातार बिजली के दाम बढ़ाकर आम आदमी पर बोझ डाला जा रहा है। अब कई जागरुक उपभोक्ताओं ने यूईआरसी के फैसलों के खिलाफ एप्टैल ट्रीब्यूनल ऑफ इलेक्ट्रीसिटी में वाद दायर करने का मन बना रहे हैं।

1355 करोड़ पब्लिक से होगी वसूली
बताया गया कि यूपीसीएल ने गर्मी में बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए महंगे दामों पर बिजली खरीद की, जिससे यूपीसीएल को 1355 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसके लिए यूईआरसी में पिटीशन दायर कर यूपीसीएल ने घाटे की भरपाई को सरचार्ज वसूली मांग की। मंगलवार को याचिका को स्वीकार करते हुए यूईआरसी ने यूपीसीएल को उपभोक्ताओं से सितंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक कि बिजली बिलों में सरचार्ज वसूली की यूपीसीएल को मंजूरी दे दी, जिससे उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है।

प्रति यूनिट
यूनिट बढ़ोत्तरी
0 से 100 तक 5
101 से 200 तक 20
201 से 400 तक 30
400 यूनिट ऊपर 35
(बढ़ोत्तरी पैसे में)

अप्रैल में बढ़ाए गए थे 32 पैसे
यूपीसीएल के घाटे को कम करने के लिए यूईआरसी ने नये बिजली टैरिफ में अप्रैल में 32 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दाम में बढ़ोत्तरी दी थी। यही नहीं मशरूम खेती के घाटे को उपभोक्ताओं पर डाला गया। यूईआरसी के एक के बाद एक फैसले से उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है।


सरकारी कंपनी को घाटा हो रहा है, तो उसकी भरपाई बिजली उपभोक्ताओं से की जाती है, लेकिन जब यूपीसीएल प्रोफिट कमाता है, तो उसे क्यों नहीं उपभोक्ताओं के बिलों में एडजस्ट किया जाता है। सरचार्ज वसूली एकतरफा कार्रवाई के साथ लाखों उपभोक्ताओं के साथ सरासर उत्पीडऩ है।
अनूप नौटियाल, सोशल एक्टिविस्ट

पब्लिक हित को नजरंदाज करके यूईआरसी लगातार यूपीसीएल के पक्ष में एक के बाद एक फैसला दे रहा है। नियामक आयोग को क्या सरकारी कंपनी को राहत देने के लिए बनाया गया है। ऐसे ही जनता पर बोझ डाला जाता रहा, तो आयोग के फैसलों को एप्टेल ट्रीब्यूनल ऑफ इलेक्ट्रिीसिटी में चुनौती दी जाएगी।
वी.वीरू बिष्ट, सोशल वर्कर

यूपीसीएल की ओर से दायर याचिका पर गहन मंथन के बाद सरचार्ज का फैसला लिया गया है। यूपीसीएल की दायर पिटीशन के विपरीत एक चौथाई राशि को ही सरचार्ज के रूप में लेने को मंजूरी दी गई है। सरचार्ज नियमित नहीं, बल्कि कुछ समय के लिए है।
डीपी गैरोला, कार्यकारी अध्यक्ष, यूईआरआसी

Posted By: Inextlive