देहरादून में स्मार्ट सिटी के कई कार्य आधा-अधूरे पड़े हैं। जहां-तहां नालियां खुदी पड़ी है। बरसात में खुदाई के कार्य से जल भराव हो रहा है जिससे आवाजाही में आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन सड़क पर खोदी गई नालियों में कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है। अब मानसून आ गया है। बारिश के चलते काम लगभग बंद हो गया है।

देहरादून (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर में करीब 12 कार्य प्रस्तावित थे, जिनमें से अधिकांश कार्य आधा-अधूरे हैं। परेड मल्टी यूटिलिटी डक्ट का कार्य हुआ ही नहीं है। स्पेशल ट्रेक की सुविधा भी अभी तक गायब है। फुटपाथ भी जगह-जगह अधूरे पड़े हैं। जिस पर चलने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल लाइनों का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। जो पाइप लाइनें बिछाई गई वह अधिकांश जगह लीकेज है, जिन्हें दुरूस्त नहीं किया जा रहा है। कई जगहों पर बिजली की लाइनें शिफ्ट की जाने है। मेन सड़कों पर पोल जस के तस खड़े हैं, जिनसे दुर्घटनाओं का लगातार खतरा बना हुआ है।

डे्रनेज का काम भी अधूरा
स्मार्ट सिटी की सड़कों पर जल भराव न हो इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम को दुरूस्त करने का काम किया गया, लेकिन ये कार्य भी जहां-तहां अधूरा पड़ा है। बरसात शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक ड्रेनेज सिस्टम सिस्टम में नहीं आ पाया है।

2023 में भी प्रोजेक्ट पूरा होने पर भी संशय
स्मार्ट सिटी के कार्य पूरे करने की डेटलाइन हर बार आगे बढ़ रही है। पिछले चार साल से पांच बार डेडलाइन आगे बढ़ी है। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को मार्च 2023 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन जिस तरह से कार्य पेंडिंग पड़े हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है। स्मार्ट सिटी के कार्य धीमी रफ्तार से हो रहे हैं। कार्य करने की चाल यही रही, तो अगले साल तो दूर अगले चार साल में कार्य पूरे नहीं हो पाएंगे।

1400 करोड़ का बजट खर्च
स्मार्ट सिटी के तहत देहरादून में अब तक करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कार्य अधूरे पड़े हैं। शहर कहीं से भी स्मार्ट नहीं लग रहा है, जगह-जगह सड़कें खुदने से शहर बदरंग बना हुआ है। इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी शहर की शक्ल नहीं बदली है।

Posted By: Inextlive