- खाली सड़कों का लाभ उठाकर काम तेज करने का था दावा

- 18 अप्रैल के बाद सीईओ भी ठीक से नहीं देख पा रहे निर्माण कार्य

देहरादून,

कोविड कफ्र्यू के दौरान स्मार्ट सिटी के काम तेज करने का मंसूबा पूरा नहीं हो पाया है। दून में कोविड कफ्र्यू शुरू होने के बाद सीईओ डॉ। आशीष कुमार श्रीवास्तव ने सड़कों और बाजारा में कम लोगों के आने का लाभ उठाकर काम तेज करने के निर्देश दिये थे। शुरुआत में रात का कफ्र्यू लगाया गया था। सीईओ में 18 अप्रैल को पलटन बाजार में हो रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करके रात के समय ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने के आदेश दिये थे। फिलहाल ऐसा होता कहीं दिख रहा है। स्मार्ट सिटी के काम चल तो चल रहे हैं, लेकिन अब इस कामों की रफ्तार पहले से भी कम है।

पलटन बाजार में धीमा काम

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पलटन बाजार में कई काम किये जा रहे हैं। इसमें पेयजल लाइन, मल्टी यूटिलिटी डक्ट, ड्रेन का निर्माण, पीसीसी वर्क आदि शामिल हैं। पिछले महीने कोविड केस बढ़ने के बाद दून में रात का कफ्र्यू शुरू हुआ तो पलटन बाजार में काम पूरा करने के लिए इसका लाभ उठाने का प्रयास किया गया। बेहद भीड़ होने के कारण यहां आमतौर पर दिन में काम करना संभव नहीं हो पाता और रात में भी ज्यादातर समय आवाजाही रहने के कारण काम तेजी से नहीं हो पाता। ऐसे में रात का कफ्र्यू लगने के बाद इसे तेजी से पूरा करने की योजना बनाई गई थी।

एक हफ्ते में काम पूरा करने के थे निर्देश

18 अप्रैल को सीईओ और डीएम डॉ। आशीष कुमार श्रीवास्तव ने पलटन बाजार पहुंच कर संबंधित विभागों के अधिकारियों को रात के समय कफ्र्यू के दौरान ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने के निर्देश दिये थे। उन्होंने मल्टी डक्ट बिछाने और पीसीसी का काम एक हफ्ते में पूरा करने के आदेश दिये थे। इसके साथ ही सीवर लाइन का काम जल निगम के अधिकारियों के साथ को-ऑर्डिनेशन बनाकर तेजी से करने के लिए कहा था। अब तीन हफ्ते बीत जाने के बाद भी काम पूरे नहीं हो पाये हैं और बेहद धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं।

ये काम भी हुए प्रभावित

- हरिद्वार रोड पर सीवरेज लाइन।

- ईसी रोड पर पेयजल लाइन व मल्टी यूलिलिटी डक्ट।

- स्मार्ट दून लाइब्रेरी।

- परेड ग्राउंड ब्यूटीफिकेशन।

- स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट।

- स्मार्ट वायर सप्लाई प्रोजेक्ट।

- स्मार्ट बस स्टॉप प्रोजेक्ट।

- स्मार्ट टायलेट प्रोजेक्ट।

सीईओ के पास नहीं टाइम

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कामों की धीमी रफ्तार की एक वजह सीईओ की व्यस्तता भी मानी जा रही है। दरअसल कोविड केसेज में हुई तेजी से बढोत्तरी के कारण डीएम के रूप में डॉ। आशीष कुमार श्रीवास्तव की व्यस्तता कोविड नियंत्रण कायरें में बढ़ गई है। पिछले 18 अप्रैल के बाद से वे स्मार्ट सिटी के कामों की तरफ ध्यान नहीं दे पाये हैं। इससे पहले वे पर वीक कम से कम एक दिन स्मार्ट सिटी के कामों के लिए देते थे और समय पर पर निरीक्षण और मॉनीटरिंग भी करते थे। फिलहाल वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

लेबर की कमी

कोविड कफ्र्यू के दौरान काम तेजी से पूरे करने की योजना लेबर की कमी के कारण भी फेल हो गई है। कोविड केसेज बढ़ने और वीक एंड कफ्र्यू शुरू होने के साथ ही ज्यादातर लेबर पिछले वर्ष लॉकडाउन में सामने आई समस्याओं के देखते हुए अपने घरों को लौट गये थे। डीएससीएल के सूत्रों के अनुसार अप्रैल शुरू में जितनी लेबर मौजूद थी, फिलहाल उससे आधी लेबर भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। काफी संख्या में मजदून अपने गांवों को लौट गये हैं और जो फिलहाल दून में हैं वे सिटी में तेजी से कोविड संक्त्रमण बढ़ने के कारण कई मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं।

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सभी काम तेजी के साथ पूरे किये जा रहे हैं। फिलहाल कोई नया काम शुरू नहीं किया गया है। जो काम पहले से चल रहे हैं, पहले उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। संक्त्रमण के दौर में काम कुछ प्रभावित हुआ है, लेकिन सभी काम समय पर पूरे कर लिये जाएंगे।

प्रेरणा ध्यानी, पीआरओ

डीएससीएल

Posted By: Inextlive