- दून सहित देश के चुनिंदा लोकेशंस पर नजर आई कंप्लीट रिंग

- लोगों ने विभिन्न तरीकों से देखी यह खगोलीय घटना

- नदियों में स्नान के लिए इस बार नहीं जुटी भीड़

देहरादून

खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले दूनाइट्स के लिए संडे बेहद खास रहा। दून देश की उन कुछ लोकेशंस में शामिल रहा, जहां पूर्ण वलयाकार सूर्यग्रहण नजर आया। मौसम ने भी दूनाइट्स का साथ दिया और पूरे ग्रहण काल में आसमान साफ रहा। लोगों ने कई तरीकों को इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखा।

तीन लोकेशंस में कंप्लीट रिंग

उत्तराखंड के देहरादून, चमोली और जोशीमठ ऐसी लोकेशंस थे, जहां लोगों को कंप्लीट रिंग नजर आई। राजस्थान, हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड के कुछ लोकेशंस को छोड़कर देशभर में लोग आंशिक सूर्यग्रहण ही देख पाये।

6 सेकंड की कंप्लीट रिंग

दून में सूर्य ग्रहण 10:30 बजे से ही नजर आने लगा था। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, सूर्य का ज्यादा हिस्सा ढकने लगा और 11:30 बजे तक सूर्य आधे चांद की तरह नजर आने लगा। अब तक यह अ‌र्द्धचंदाकार शेप पूर्व दिशा की तरफ था। ठीक 12:05 बजे वह समय आया, जब सूर्य मात्र एक चमकदार रिंग रह गया।

अंधेरे का अहसास

ग्रहण का प्रभाव बढ़ने के साथ ही सूरज की रोशनी और तपिश भी कम होने लगी। 12 बजे के बाद कुछ देर के लिए न सिर्फ शाम जैसी स्थिति बन गई, बल्कि टेंप्रेचर में भी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि कंपलीट रिंग की स्थिति कुछ सेकेंड तक ही रही और उसके तुरंत बाद अ‌र्द्धचंद्राकार सेप पश्चिम की ओर खिसक गई।

कई तरीकों से देख ग्रहण

लोगों ने सूर्यग्रहण के इस नजारे को देखने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए। ज्यादातर लोगों ने पुराने एक्सरे का इस्तेमाल किया। कुछ लोगों ने बर्तन में पानी रखकर परछाई में सूर्य ग्रहण देखा। तो कुछ ने काले चश्मे से काम चलाया। कई संगठनों से विशेष चश्मों के साथ फिजिकल डिस्टेंस रखते हुए सामूहिक रूप से वलयाकार सूर्यग्रहण देखने की व्यवस्था की।

सोशल मीडिया पर छाया ग्रहण

वलयाकार सूर्य ग्रहण सोशल मीडिया पर भी खूब छाया रहा। लोग अपने कैमरों अथवा मोबाइल फोन से फोटो खींचकर अपलोड करते रहे। हर कोई इस अद्भुत नजारे की तारीफ कर रहा था। सोशल मीडिया पर लोग इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को लेकर अपने-अपने अनुभव साझा करते रहे। कुछ लोग शानदार फोटो उतारने में सफल रहे।

घाटों पर नहीं जुटी भीड़

इस बार सूर्यग्रहण पर भी कोरोना साया नजर आया। आमतौर पर सूर्यग्रहण के दिनों नदियों और घाटों में स्नान करने वालों की खूब भीड़ जुटती है, लेकिन इस बार लोग घाटों की तरफ नहीं गये। लोगों ने घरों में रहकर ही सूर्यग्रहण देखने का तरजीह दी। ग्रहण के बाद मंदिरों में होने वाली विशेष पूजा-अर्चना भी इस बार नहीं हुई।

Posted By: Inextlive