Sports college mein bomb blast
पुलिस की प्रारंभिक तफ्तीश के अनुसार बच्चे हॉस्टल से लगती हुई आर्मी की मालदेवता मोर्टार फायरिंग रेंज से फायर हुआ जिंदा प्रोजक्टाइल बम हॉस्टल ले आए। बच्चे बम से खेलने लगे कि अचानक बम फट गया। जोरदार धमाके में हॉस्टल के अन्य रूम से स्टूडेंट्स बाहर निकल। इसके बाद हॉस्टल में जबरदस्त अफरातफरी मच गई। स्टूडेंट्स ने ही 108 एंबुलेंस को सूचना दी। घायलों को पहले रायपुर स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया। लेकिन, केंद्र में सुविधा न होने के कारण उन्हें दून हॉस्पिटल रेफर किया गया। सूचना मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन में हडक़ंप मच गया। 108 कर्मियों के उड़े होश
घटना संडे दोपहर ढाई बजे रायपुर स्थित स्पोट्र्स कॉलेज के जूनियर हॉस्टल में घटी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ स्टूडेंट्स हॉस्टल के फस्र्ट फ्लोर पर मिसाइल जैसी किसी चीज के साथ खेल रहे थे। तभी एक स्टूडेंट्स ने उसे जोर से जमीन पर पटक दिया। पटकते ही जोरदार धमका हुआ और उसके सबसे नजदीक दो छात्र के पांव के चिथड़े उड़ गए। जबकि अन्य भी जमीन पर लहुलूहान होकर बेहोश हो गए। जोरदार आवाज से हॉस्टल में अफरातफरी मच गई। इतने में किसी स्टूडेंट ने 108 एंबुलेंस को कॉल कर घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही एंबुलेंस हॉस्टल में पहुंची। वहां 108 के कर्मियों ने जब हॉस्टल के अंदर खून से लथपथ बच्चे और मौके पर मांस के टुकड़े देखे तो उनके भी होश उड़ गए। उन्होंने पुलिस को इस घटना की सूचना दी। होगी कार्रवाई ब्लास्ट की सूचना फ्लैश होते ही सीओ डालनवाला श्वेता चौबे और रायपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मौका मुआयना किया। डीआईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि स्टूडेंट्स संभवता आर्मी फायरिंग रेंज से जिंदा प्रोजेक्टाइल बम हॉस्टल ले आए। जिसके कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि आर्मी के खिलाफ भी मुकदमा लिखने की कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाहक एसएसपी अजय जोशी ने बताया कि हॉस्टल के स्टूडेंट्स कैसे बम को परिसर के अंदर ले आए, इसकी भी जांच की जा रही है। अगर इसमें कॉलेज प्रशासन की लापरवाही सामने आती है तो मुकम्मल कार्रवाई की जाएगी। हर तरफ बस खून ही खून
जिस समय यह हादसा हुआ उस समय हॉस्टल में सातवीं का स्टूडेंट करण तिवारी अपने कमरे में था। जोरदार आवाज सुनकर वह जैसे ही कमरे के बाहर आया। बाहर का दृश्य देखकर उसके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई। बकौल करण, मैं जैसे ही बाहर आया मैंने देखा कि चोरों तरफ जमीन पर खून से लथपथ मेरे दोस्त छटपटा रहे थे। मांस के टुकड़े जमीन पर यहां-वहां बिखरे हुए थे. हॉस्टल परिसर की सारी ट्यूब लाइट्स और खिडक़ी के शीशे टूटे हुए थे। चोरों तरफ बस खून ही खून था। उस समय हॉस्टल में और कोई नहीं था। मैं पास ही स्थित हॉस्टल के दूसरे ब्लॉक में गया और वहां से अन्य साथियों को बुलाया। उन्होंने ही 108 एंबुलेंस को सूचना दी।