DEHRADUN : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की कॉल पर की गई हड़ताल का असर प्रदेश से सभी सरकारी विभाग पर पड़ा. थर्सडे से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल में करीब दो लाख सरकारी कर्मचारी कार्य से दूर रहे. जिसके चलते कामकाज पूरी तरह ठप रहा. परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा उनकी मांग को लेकर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई जिसकी वजह से हड़ताल की गई. उधर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के तीन घंटे के स्ट्राइक के चलते दवा वितरण में काफी परेशानी आई. मरीज पूरे दिन यहां से वहां घूमते रहे.


नहीं हुआ काम लोग हुए परेशान दून हॉस्पिटल में डॉक्टर से दिखाने के बाद मरीज दवा मिलने का इंतजार करते रहे। उन्हें इस बात का पता भी नहीं था कि हड़ताल चल रही है। तीन घंटे के स्ट्राइक के चलते मेडिसिन काउंटर पर मरीजों की भारी भीड़ जुट गई। ये हाल केवल यहीं नहीं था, विभिन्न विभाग में अपने काम को लेकर पहुंचे व्यक्तियों को हड़ताल की जानकारी ना होने के वजह से खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। आय प्रमाण पत्र के साथ अन्य तरह के डाक्युमेंट बनवाने का इंतजार पब्लिक पर भारी पड़ा। बाद में जब ये पता लगा कि ऐसा हड़ताल की वजह से हो रहा है तो सभी निराश होकर वापस लौट गए।इमरजेंसी सेवा भी ठप करने की चेतावनी
प्रमोशन की मुख्य मांग को लेकर की गई हड़ताल के बाद अब परिषद ने चेतावनी दी है कि 21 अक्टूबर से इमरजेंसी सेवा भी ठप कर दी जाएगी.  परिषद ने कहा लैब टेक्निशियन भी हड़ताल के समर्थन में उनके साथ आ चुके हैं। जिसके बाद प्रदेश के सभी गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में ब्लड सहित अन्य जांच भी बंद हो जाएगी। इसका व्यापक असर थर्सडे को ही पडऩा शुरू हो गया। जहां कामकाज पूरी तरह ठप रहा। दूर दराज से आने वाले उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जो बेहतर सुविधा के लिए दून हॉस्पिटल के साथ अन्य सरकारी हॉस्पिटल्स का रूख करते हैं। धरना कर रहे कर्मियों ने कहा आबकारी, वन, कृषि, सिंचाई, परिवहन, सहित अन्य विभागों के कर्मी लंबे समय से परेशान है जिनकी समस्या पर ध्यान तक नहीं दिया जा रहा। धरने के दौरान नंद किशोर, प्रदीप कोहली, दीपक पुरोहिल, भोपाल सिंह, जगमोहन सिंह नेगी, मंजू देवी व अन्य मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive