- सरकार के निर्णय पर मिठाई व्यापारी असंतुष्ट

- एक अक्टूबर से नियम लागू, सभी मिठाई व्यापारियों को सर्कुलेट

देहरादून,

आप मिठाई खरीदने गए हों तो शायद ही आपको मिठाई पर मेन्युफैक्चरिंग व बेस्ट बिफोर डेट नजर आई हो। लेकिन अब यह बीते दिनों की बात हो गई है। दूसरे फूड पैकेट की तर्ज पर अब मिठाई की पैकिंग पर भी आपको मेन्युफैक्चरिंग व बेस्ट बिफोर डेट की डिटेल मिलेगी। इसके लिए संबंधित डिपार्टमेंट की ओर से सभी मिठाई विक्रेताओं को केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ऑर्डर जारी कर दिए हैं। खास बात ये है कि दून में तो कई मिठाई के ओनर ने मेन्युफैक्चरिंग व बेस्ट बिफोर डेट प्रिंट करना भी शुरू कर दिया है। संबंधित महकमे ने ये भी स्पष्ट किया है कि एक्ट के मुताबिक दोषी पाए जाने पर धारा-55 के तहत दो लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

दून में 160 कन्फेक्शनर रजिस्टर्ड

दून में हलवाई समिति के तहत करीब 160 कन्फेक्शनर रजिस्टर्ड हैं। अब जब बेस्ट बिफोर जैसा नया नियम आया है तो दून के मिठाई मैन्युफैक्चर्स कहते हैं कि जैसे ही फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत उन्हें मिठाई पर बेस्ट बिफोर प्रिंट की शुरुआत कर दी गई है। हालांकि कई मैन्युफैक्चरर्स तो पहले ही शुरुआत हो जाने की बात कर रहे हैं। लेकिन मिठाई मैन्युफैक्चरर्स कहते हैं कि एफएसएसएआई की ओर से लागू ये नियम व्यवहारिक नहीं हैं। ऐसा संभव भी नहीं है। हलवाई समिति देहरादून के अध्यक्ष आनंद स्वरूप गुप्ता कहते हैं कि इसके लिए फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल मिष्ठान प्रकोष्ठ जुटा हुआ है। उनका कहना है कि मिठाइयों का खराब होना कई कंडीशन पर निर्भर करता है। इसमें मावा भी एक कारण है। रसमलाई का उदाहरण देते हुए अध्यक्ष आनंद स्वरूप का कहना है कि मिठाई को किस टेंपरेचर पर रखा जा रहा है, उसमें क्या इंग्रिडियेंट्स हैं, ये सभी पहलू मिठाई के एक्सपायरी डेट तय करते हैं। उनका कहना है कि गर्मी में रसमलाई 40-45 डिग्री सेल्सियस पर कोई घर ले जाए, यकीनन वह खराब हो जाएगी। ऐसा ही लूज मिठाई का भी है। कई बार एक पैक डिब्बे में कस्टमर्स मिक्स मिठाई की डिमांड की जाती है। जिस पर बेस्ट बिफोर डेट तय करना चैलेंज हो जाता है।

ये है एफएसएसएआई के निर्देश

एफएसएसएआई ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सिक्योरिटी आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि सार्वजनिक हित में और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तय किया जाए कि खुली मिठाइयों के मामले में बिक्री के लिए आउटलेट पर मिठाई रखने वाली ट्रे के साथ एक अक्टूबर से 2020 से अनिवार्य से बेस्ट बिफोर डेट प्रदर्शित करना सुनिश्चित किया जाए। एफएसएसएआई ने ये भी कहा है कि तमाम प्रकार की मिठाइयों के यूज की बेहतर समयसीमा के बारे में उसकी बेवसाइट पर भी सांकेतिक रूप से जानकारी दी गई है।

दो लाख तक का जुर्माना

जिला अभिहीत अधिकारी जीसी कंडवाल के अनुसार सभी मिठाई विक्रेताओं को एफएसएसएआई के ऑर्डर सर्कुलेट कर दिए गए हैं। ये भी कहा गया है कि पहली अक्टूबर से एक्ट के तहत इसको इंप्लीमेंट किया जाए। उनका कहना है कि ऐसा न करने वालों के खिलाफ फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत दो लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है।

फेस्टिव सीजन में डिपार्टमेंट सख्त

नए नियम के तहत खुली मिठाइयों के मामले में बिक्री के लिए आउटलेट पर मिठाई रखने वाली ट्रे के साथ प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट अनिवार्य रूप से लिखी है। हालांकि बताया गया है कि मिठाई बनाने की तारीख लिखना जरूरी नहीं होगी, लेकिन यह प्रिंट होना जरूरी होगा कि कब तक इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बताया जा रहा है कि कई ऐसे दुकानदार भी हैं, जिनको इसकी जानकारी तक नहीं है। कई विदआउट प्रिंट मिठाई कस्टमर्स को प्रोवाइड कराते हैं। जिसके बाद कस्टमर्स के पास दावा करने का आधार नहीं बन पाता। फिलहाल, अब त्योहारी सीजन करीब है। इस एक्ट के तहत संबंधित डिपार्टमेंट सख्ताई बरतने के मूड में है।

Posted By: Inextlive