-शिक्षा मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश

देहरादून, सरकारी और सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में 12 जुलाई से शिक्षकों की मौजूदगी नजर आएगी। वहीं, सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षकों को कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर दिया है। स्पष्ट किया गया है कि सभी शिक्षकों का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराया जाएगा।

12 जुलाई से शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य

राज्य सरकार ने 30 जून तक घोषित ग्रीष्मावकाश को नहीं बढ़ाया। इसके बाद सरकारी स्कूलों को खोलने के आदेश हो चुके हैं। हालांकि, शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं की गई थी। वेडनसडे को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में विद्यालयों में शिक्षकों को बुलाने के निर्देश दिए। कहा है कि स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति से आनलाइन शिक्षण को व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जा सकेगा। शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद शिक्षा सचिव आर। मीनाक्षी सुंदरम ने 12 जुलाई से शिक्षकों की विद्यालयों में उपस्थिति अनिवार्य करने के आदेश जारी किए।

प्रायोरिटी पर हो वैक्सीनेशन

शिक्षकों को विद्यालयों में बुलाने के साथ ही सरकार ने उनकी मांग भी पूरी कर दी। शिक्षा सचिव ने सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करते हुए वेडनसडे को आदेश जारी किए। डीजी एजुकेशन को जारी आदेश में कहा गया कि कोविड-19 महामारी से राज्य में बच्चों के शैक्षिक हित व शिक्षण व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में केटेगराइज कर प्रायोरिटी पर वैक्सीनेशन कराया जाए।

Posted By: Inextlive