- लंबित मांगों पर तीनों निगम नहीं दे रहे हैं वार्ता का समय

- उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने बैठक में लगाए आरोप

- लोगों को आन्दोलन करने के लिए होना पड़ रहा है बाध्य

DEHRADUN : उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन की ईसी रोड स्थित कार्यालय में मीटिंग आयोजित हुई। जिसमें कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों पर ऊर्जा के तीनों निगमों (यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएलल) द्वारा वार्ता का समय न देने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने इसे साजिश करार दिया है। संगठन ने इस पर मार्च मंथ से चरणबद्ध तरीके से तीनों निगमों में आन्दोलन का नोटिस देने का निर्णय लिया है।

करेंगे निष्पक्ष जांच की मांग

संगठन ने आरोप लगाया है कि निदेशक मानव संसाधन एसके चोपड़ा जल विद्युत निगम द्वारा जानबूझ कर संगठनों को आन्दोलन करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि वह शासन को इस संबंध में पत्र लिखकर अधिकारी के विरुद्ध जो विभिन्न शिकायतें शासन में लंबित है उन पर निष्पक्ष रूप से जांच करते हुए कार्रवाई की जाए।

विभिन्न मांगे पड़ी है लंबित

महामंत्री विजय बिष्ट ने कहा कि कर्मचारियों की विभिन्न मांगे हैं जिसमें नॉन फंक्शनल ग्रेड वेतन समाप्त किया जाना, ग्रेड वेतन ख्म्00 से फ्000 किया जाना। जीटी-ख् का ग्रेड वेतन ब्ख्00 किया जाए। तृतीय समयबद्ध वेतनमान की गे्रड वेतन भ्ब्00 के स्थान पर म्म्00 ग्रेड वेतन भ् नंबर ख्0क्क् से लागू किया जाना है। राज्य सरकार की भांति फ्0 सितंबर ख्00भ् तक नियुक्त सभी कार्मिकों को ईपीएफ की जगह जीपीएफ लागू किया जाए। पदोन्नित पर वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि यथावत रखी जाए। बैठक में उपमहामंत्री दीपक बेनीवाल, मो। रियाज, अशोक जोशी, अनुप बिष्ट, जयपाल सिंह, गोपाल बिहारी, सतीश शर्मा, अहसान मौहम्मद, संजीव कुमार, पुरण चंद, सुशील शर्मा, बलवंत सिंह, बलराम,सतीश सिंघल, नरेश पाल, गौतम, दिगंबर सागर आदि शामिल रहे।

Posted By: Inextlive