बॉटलनेक सड़कों की वजह से शहर का पूरा ट्रैफिक सिसक रहा है और हुक्मरान हाथ पर हाथ धरे बैठे है. हम लगातार शहर के बॉटलनेक से उत्पन्न परेशानियों को उजागर कर रहे हैं. सहारनपुर चौक आढता बाजार प्रिंस चौक के बाद तहसील चौक के ट्रैफिक जाम की बात कर रहे हैं.

- तहसील चौक है शहर का सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला एरिया
- करोड़ों का फुट ओवर ब्रिज बना है शो पीस


देहरादून (ब्यूरो): तहसील चौक और इससे ठीक पहले इनामुल्लाह बिल्डिंग के बॉटलनेक को सरकारी प्रयास कितने फलीभूत हुए. इसकी एक बानकी तहसील चौक पर ही देखने को मिलेगी। इस चौक पर एमडीडीए ने 2015 में करीब पौने तीन करोड़ रुपये की लागत का फुट ओवर ब्रिज बनाया, ताकि सिग्नल पर पैदल आर-पार आवाजाही करने वाले लोग टै्रफिक को बाधित न कर सके, लेकिन हकीकत यह है कि इस फुट ओवर ब्रिज पर निर्माण के बाद से ही ताला लटका हुआ है। मकसद सात साल बाद भी लोग जान जोखिम में डाल सिग्नल से आर-पार करने को मजबूर हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसे प्रयास और प्रोजेक्ट्स का क्या करें, जो कभी काम न आ सके।

एडीडीए ने बनाया था फुट ओवरब्रिज
पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने वर्ष 2015 में हरियाणा की एक कंपनी से इस फुट ओवरब्रिज का निर्माण कराया था। तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने इसका उद्घाटन किया था, लेकिन, उद्घाटन के बाद से ही इस ओवरब्रिज पर ताला लटका हुआ है। निर्माण के दौरान ये किया गया था कि सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले चौक पर लोग बिना रुके सड़क पार कर सकेंगे। इस दौरान उन्हें किसी वाहन के टक्कर मारने का खतरा भी नहीं रहेगा, लेकिन सच सबके सामने हैं।

दर्शन लाल चौक और घंटाघर पर प्लान फेल
तहसील चौक के बाद दर्शन लाल चौक और घंटाघर पर भी पैदल चलने वालों के लिए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना था, लेकिन तहसील चौक का ओवर ब्रिज का मकसद पूरा न होने पर ये दोनों ओवर ब्रिज भी लटक गए, जो आज तक नहीं बन पाए।

सीएमपी से सड़कों की हालत सुधारने का दावा
करीब 106 वर्ष पुरानी इनामुल्लाह बिल्डिंग पर वाहनों के पहिए थम रहे हैं। तकरीबन 400 मीटर लंबी इस दो मंजिला किलेनुमा बिल्डिंग पर ट्रैफिक सुधारने के लिए स्थाई समाधान राज्य बनने के 20 साल बाद भी नहीं हो पाया है। अब सरकार सिटी मूवलाइजेशन प्लान (सीएमपी) के जरिए शहर की सड़कों की स्थिति सुधारने का दावा कर रही है। बताया जा रहा है कि प्लान को जल्द सर्वे कर योजनाओं का खाका तैयार किया जाएगा।

योजनाओं पर नहीं होता सख्ती से इंप्लीमेंटेशन
रोड एक्सपर्ट, पूर्व चीफ इंजीनियर और उत्तराखंड सरकार के पूर्व तकनीकी सलाहकार राजेंद्र प्रसाद भट्ट का कहना है कि सालाना हजारों वाहन सड़क पर उतर रहे हैं, लेकिन उनके चलने के लिए सड़कें नहीं हैं। बढते ट्रैफिक दबाव के चलते दून की कमोबेश सभी सड़कों का विस्तारीकरण जरूरी है। सड़क चौड़ीकरण को आड़े आ रही लैंड एक्यूजीशन पर सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए। सरकार जो योजना बनाती है उस पर सख्ती से इम्लीमेंट हो, ताकि उसका लाभ पब्लिक को मिल सके।

सुबह से शाम तक रहता है जाम
तहसील चौक पर सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है। इस पर गंभीरता से सरकार को विचार करना चाहिए। योजनाएं कागजों पर नहीं धरातल पर इम्लीमेंट हों।
अवनीश शर्मा, धामावाला

तहसील चौराह सबसे व्यस्तम चौक है। मुख्य बाजार के साथ तहसील व अन्य कई कार्यालय होने के चलते यहां पर आवाजाही लगी रहती है। भीड़ के चलते यहां पर पैदल चलना भी मुसीबत है।
रेखा पैन्यूली, स्थानीय निवासी

दिनभर ट्रैफिक जाम के चलते हमारा व्यापार भी चौपट हो रहा है। वाहन पार्क करने की जगह न होन से यहां पर कोई रूकता नहीं है, जिसका व्यवसाय पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।
दानिश कुरैशी, व्यापारी, इनामुल्लाह बिल्डिंग

तहसील चौक के बॉटलनेक को जल्द दुरुस्त किया जाए। इसके लिए सरकार कोई ऐसी तकनीकी के जरिए योजना बनाए, जिससे व्यापारियों का भी अहित न हो और ट्रैफिक भी बाधित न हो।
अफजाल, स्थानीय व्यापारी

अफसर बोले
तहसील चौक को लेकर फिलहाल किसी योजना पर काम नहीं किया जा रहा है, लेकिन हाल ही में सिटी मोबिलाइजेशन प्लान आया है। इसके तहत शहर का सर्वे कर ठोस प्लान तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
प्रवीन कुश, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, प्रांतीय खंड, देहरादून

Posted By: Inextlive