बीती बरसात रिकॉर्ड पानी बरसा लेकिन दून में अंडरग्राउंड वाटर लेवल उम्मीद के मुताबिक नहीं सुधर पाया। इतना ही नहीं दून के दर्जन भर इलाकों में तो पानी ही नदारद मिला। इसे भविष्य के लिए खतरे की घंटी माना जा सकता है। केंद्रीय भूजल बोर्ड की मानें तो सिटी में कई जगह गहरी खुदाई के बावजूद पानी नहीं मिला। बरसात को देखते हुए वाटर लेवल में बेहतर सुधार की उम्मीद थी लेकिन मामूली सुधार ही देखा गया।

देहरादून (ब्यूरो) केंद्रीय भूजल बोर्ड के वैज्ञानिकों के अनुसार दून समेत प्रदेश के मैदानी इलाकों हरिद्वार, रुड़की, उधमसिंहनगर और नैनीताल के कई इलाकों में भूजल का स्तर बहुत नीचे जा चुका है। इन जिलों के कई इलाकों में पहले पानी 50 से 60 मीटर तक मिल जाता था, जो अब करीब दोगुना नीचे जा चुका है और पानी 100 मीटर से ज्यादा गहराई में मिला।

6 साल से पानी गायब
साइंटिस्ट्स के मुताबिक विकासनगर के कई इलाकों में पानी की जबरदस्त क्राइसिस देखी जा रही है। 2015 में किए गए सर्वे में कई इलाकों में पानी नहीं मिला था। इस दौरान रिकॉर्ड बारिश से उम्मीद थी कि उन इलाकों में भी अंडर ग्राउंड वाटर लेवल ऊपर आएगा। लेकिन, उम्मीद के मुताबिक रिजल्ट्स नहीं मिले।

साल में 4 बार होता है सर्वे
प्री स्पि्रंग (जनवरी)
पोस्ट स्पि्रंग (मई)
प्री रेनिंग (अगस्त)
पोस्ट रेनिंग (नवंबर)

इन इलाकों में नहीं मिला पानी
बनियावाला
कुआंवाला
डांडी
सेलाकुई
नंदा की चौकी
हरबर्टपुर
भानियावाला
नया गांव
सेवलाकला
बसंतविहार
सेलाकुई

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Posted By: Inextlive