आखिर 9 बागियों का क्या होगा?
-सदस्यता पर हाईकोर्ट आज सुना सकता है फैसला
-सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग में भाग लेने की याचिका ठुकराई -हाईकोर्ट की डबल बेंच ने वोटिंग से अलग रखने का सुनाया था आदेश देहरादून फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तारीख तय किए जाने के बाद अब सबकी निगाहें नैनीताल हाईकोर्ट पर टिक गई हैं। वजह, बागियों को लेकर फैसला हाईकोर्ट ने सुनाना है। आज हाईकोर्ट की एकल पीठ में कांग्रेस के 9 बागियों की सदस्यता के मामले में फैसला आ सकता है। अदालत ने सुनवाई के लिए आज का दिन तय किया है। फैसला आने की उम्मीद भी इसलिए की जा रही है क्योंकि पिछली सुनवाई में कोर्ट कह चुका था कि मामले पर फैसला जल्दी करना है। यह अदालत ने तब कहा था जब बागियों के वकील अदालत में नहीं पहुंच पाए थे और बागियों ने कुछ वक्त मांगा था। पक्ष में आया फैसला तो?कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की सिंगल बेंच में चल रहा है। राष्ट्रपति शासन और विनियोग विधेयक पर फैसला देते वक्त हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जब 29 अप्रैल को फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए थे तब इसी डबल बेंच ने यह भी आदेश दिया था कि बागियों को वोटिंग का अधिकार नहीं होगा। डबल बेंच ने यह भी टिप्पणी की थी कि बागियों ने संवैधानिक पाप किया है। हालांकि डबल बेंच ने सीधे बागियों की सदस्यता पर कोई सुनवाई नहीं की और न ही उनकी सदस्यता को लेकर कोई फैसला सुनाया, लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाए जाने और विनियोग विधेयक को लेकर चली जिरह के बीच अपरोक्ष रूप से बागियों और उनके पूरे केस को लेकर हर बारीक बिंदु पर समीक्षा हुई। कानून के जानकार बताते हैं कि एक तरह से बागियों पर फैसला पहले ही आ चुका है। हालांकि बागियों को उम्मीद है कि एकल पीठ उनके ही पक्ष में फैसला देगी। अगर ऐसा हुआ तो फिर सियासी दांव पेंच उलझ जाएंगे।
बागियों पर कब क्या हुआ? 27 मार्च बागियों की सदस्यता स्पीकर ने की खत्म 28 मार्च बागियों ने फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती 1 अप्रैल हाईकोर्ट ने की सुनवाई, 11 तक टाली 11 अप्रैल फिर सुनवाई, 23 तक टली 23 अप्रैल सुनवाई 28 अप्रैल तक टली 28 अप्रैल कोर्ट ने 9 मई को मुकर्रर किया दिन 28 अप्रैल उमेश शर्मा काउ ने लगाई इमरजेंसी याचिका 5 अप्रैल इमरजेंसी याचिका पर सुनवाई शुरू, 7 मई तक टाली वर्जनहमें आज के फैसले का इंतजार है। यह हमारे पक्ष में ही होगा। अगर हाईकोर्ट का फैसला हमारे खिलाफ आता है तो हम सीधे सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे।
उमेश शर्मा काउ, बागी विधायक