-कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर की नारेबाजी

देहरादून,

कोरोना महामारी के कारण महज एक दिन चले विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने कोरोना पर जमकर हंगामा काटा। इस दौरान मर्यादाएं भी टूटीं। कोरोना संक्रमण को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग पर अड़े कांग्रेसी विधायक वेल में आए और नारेबाजी करते हुए कार्यसूची की प्रतियां तक फाड़ डाली। यहां तक सचिव विधानसभा की टेबल पर लगा फाइबर ग्लास को भी तोड़ डाला। कांग्रेस ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कोरोना पर चर्चा करने से पीछे हट रही है।

सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप

विधानसभा के एक दिन के मानसून सत्र की जैसे ही बुधवार को सुबह 11 बजे शुरुआत हुई। कांग्रेस के विधायकों ने नियम-310 के तहत सभी कामकाज रोककर कोरोना संक्रमण पर चर्चा की मांग उठाई। गंभीर विषय बताते हुए चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस के विधायकों ने कार्यमंत्रणा में कार्यस्थगन के प्रस्ताव से संबंधित फैसले पर भी आपत्ति जताई। इस बीच कैग की रिपोर्ट, चतुर्थ वित्त आयोग पर की गई संस्तुतियां के साथ कई विधेयक टेबल किए जाते रहे। इसी दौरान कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन, आदेश चौहान, मनोज रावत व ममता राकेश ने वेल में आकर नारेबाजी शुरु करते हुए कार्यसूची की प्रतियां फाड़ डाली। वहीं विधानसभा सचिव की टेबल पर लगा फाइबर ग्लास तोड़ दिया गया।

लंच के बाद भी जारी रहा हंगामा, बायकॉट

हंगामा बढ़ता देख दोपहर करीब सवा 12 बजे पीठ पर आसीन डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान ने एक बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा। पीठ की ओर से कोरोना से संबंधित सूचना को नियम 58 की ग्राह्यता पर सुनने की बात कही गई, लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं हुआ। हंगामे के बीच ही विधेयक पारित होते रहे और कांग्रेस ने सदन का बायकॉट किया। सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत में विपक्ष के हंगामे पर सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय हुआ था कि विपक्ष की ओर से कोविड-आपदा, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था व महंगाई पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाए जाएंगे। जिस पर सरकार की ओर से सही तरीके से उत्तर दिए जा सकें। कांग्रेस के दूसरे गुट को यह जानकारी मिलने पर ही उसके विधायकों ने सदन में हंगामा किया।

Posted By: Inextlive