श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 देहरादून की ओर से रामलीला में मेघनाद व रावण वध की लीला का मंचन हुआ। रावण का वध होते ही पूरा पांडाल श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। इस मौके पर आतिशबाजी भी हुई। दून यूनिवर्सिटी रोड स्थित आजाद मैदान में मंगलवार को मंचन के दौरान श्रीराम व रावण के बीच युद्ध की लीला का मंचन किया गया। समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने बताया कि रामलीला मंचन के दौरान दर्शकों ने कलाकारों का उत्साह बढ़ाया व पूरा प्यार दिया। टिहरी की ऐतिहासिक रामलीला को देहरादून में 21 वर्ष के बाद कराने का मुख्य उद्देश्य परंपरा को कायम रखने के साथ ही तकनीकी विकास करना भी है।


देहरादून (ब्यूरो) पर्वतीय रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला के अंतिम दिन अहिरावण वध, रावण वध, विभीषण राजतिलक, भरत मिलाप, श्रीराम का राज्याभिषेक का मंचन किया गया। कलाकारों ने बेहतर अभिनय से देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा। धर्मपुर स्थित श्री रवि मित्तल मैमोरियल पब्लिक स्कूल के मैदान 15 अक्टूबर से नित्य रामलीला का मंचन किया गया। मंगलवार को मंचन के दौरान रावण वध होने के बाद श्रीराम लक्ष्मण को भेजकर लंका में विभीषण का राजतिलक करवाते हैं। हनुमान को अशोक वाटिका में सीता को लेने भेजते हैं। श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, सुग्रीव, हनुमान, विभीषण सभी अयोध्या के लिए चलते हैं। हनुमान भरत को शुभ समाचार देते हैं कि श्रीराम अयोध्या लौट रहे हैं। यह सुनकर पूरी अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है। नाचते-गाते व खुशी मनाते हैं। श्रीराम व भरत का मिलाप होता है। श्रीराम गुरु वाशिष्ठ व तीनों माताओं से मिलते हैं। इसके बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम का राजतिलक होता है।

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Posted By: Inextlive