- वीआईटी प्रजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-2015 सेमिनार में एक्सप‌र्ट्स ने दिए सक्सेस का मंत्र

- करियर को लेकर स्टूडेंट्स की उलझने की दूर

DEHRADUN: स्टूडेंट्स का महाकुंभ और कैरियर को लेकर उलझन भरे सवालों का सैलाब। स्टूडेंट्स एजुकेशन की नई पारी को लेकर मन में हजारों सवाल लिए हुए थे। करियर बनाने के लिए कौन से क्षेत्र चुने, प्रतियोगी परीक्षाएं कैसे पास करें, अपने हार्ड सब्जेक्ट की आसान तैयारी कैसे करें और यह सब हो जाने के बाद अपनी स्किल कैसे सुधारें ऐसे कई सवाल स्टूडेंट्स के पास थे। वीआईटी प्रेजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-ख्0क्भ् सेमिनार में आए एक्सपर्ट के पास स्टूडेंट्स के हरेक सवाल का जबाव था। उन्होंने न सिर्फ स्टूडेंट्स के इन उलझन भरे सवालों के जबाव दिए, बल्कि उन्हें नई राह दिखाने का काम भी किया।

लैंप लाइटनिंग के साथ हुआ आगाज

प्रोग्राम का आगाज स्पेशल गेस्ट के रूप में मौजूद रहे फेमस करियर काउंसलर और मोडरेटर अरुणेंद्र सोनी व वीआईटी युनिवर्सिटी के टीचर ट्रेनर डा। सैमुएल जॉनसन, डिप्टी डायरेक्टर युवा कल्याण शक्ति सिंह, स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर अजय अग्रवाल, अविरल क्लासेज के एमडी डीके मिश्रा, अचीवर्स क्लासेज के एमडी मनु पंत और सीनियर साइक्लॉजिस्ट डॉ। मुकुल शर्मा द्वारा ज्वॉइंटली लैंप लाइटिंग करने के साथ हुआ। इस अवसर पर डिफरेंट फील्ड्स से जुड़े एक्सप‌र्ट्स ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने स्टूडेंट्स को मौजूदा लर्निग रिसोर्सेज अपनाते हुए स्टडी के टिप्स देते हुए कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारियों और उसमें आने वाली उलझनों को सुलझाया।

ख्0ख्0 में होगी इंजीनियर्स की डिमांड

फेमस करियर काउंसलर और मॉडरेटर अरुणेंद्र सोनी ने पूरे माहौल हो बांघ दिया। दिन भर चले दो सेशंस के बीच कहीं भी नीरसता दिखाई नहीं दी। अरुणेंद्र ने कहा कि मौजूदा दौर नॉलेज इकॉनोमी का गेम है। नॉलेज के दम पर दुनिया भर में हमारे देश के युवा अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं इंजीनियरिंग अकेला ऐसा फील्ड है जहां संभावनाएं अपार हैं। इंजीनियर्स केवल इंजीनियरिंग में ही नहीं दूसरी फील्ड्स में भी अपना सिक्का जमा रहे हैं। यूपी, बिहार और दिल्ली के सीएम से लेकर आरबीआई के गवर्नर और सफल फिल्म एक्टर्स तक इंजीनियरिंग फील्ड से जुड़े हैं। इस दौरान उन्होंने आने वाले वक्त में विश्व में इंजीनियर्स की डिमांड पर प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि टेक्निकल एक्सप‌र्ट्स के लिए साल ख्0ख्0 तक क्7 मिलियन वर्किंग पॉपुलेशन की जरूरत होगी। विश्व में इस मांग को सबसे बड़ी संख्या में पूरा करने वाला अकेला भारत होगा। ऐसे में जरूरी है कि अभी से करियर को फोकस करते हुए तैयारी करें। उनके कॉन्सेप्ट को सुनने के बाद पूरा हॉल स्टूडेंट्स की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

वीआईटी देगा करियर को ऊंचाई

वीआईटी यूनिवर्सिटी के टीचर ट्रेनर डा। सैमुएल जॉनसन के ने कहा कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, लेकिन 'ए नेगेटिव माइंड सेट कैन नेवर प्रोड्यूस पॉजिटिव रिजल्ट'। उन्होंने कहा कि कोई भी काम पॉजिटिव माइंड के साथ किया जाए तो सक्सेस की राह आसान है। इस मौके पर उन्होंने स्टूडेंट्स को करियर को लेकर गाइड भी किया। उन्होंने इंजीनियरिंग के डिफरेंट सेक्टर्स में आने वाले सवालों में नौकरी की संभावनाओं की भी जानकारी दी। स्टूडेंट्स से इंट्रेक्ट करते हुए उन्होंने करियर से जुड़े कई सवालों के जवाब भी दिए। इस मौके पर उन्होंने वीआईटी यूनिवर्सिटी के अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज की भी जानकारी दी।

टॉपिक्स के कॉन्सेप्ट्स हों क्लियर

बोर्ड एग्जाम, जेईई एग्जाम, वीआईटी और जेईई एडवांस एग्जाम। इतने एग्जाम्स के बीच अक्सर देखने में आता है कि स्टूडेंट्स एंट्रेंस एग्जाम और बोर्ड एग्जाम में इलेवंथ क्लास के सिलेबस को लाइटली लेते है और सिर्फ ट्वेल्थ को फोकस करते हैं, लेकिन इलेवंथ और ट्वेल्थ के सिलेबस का इल्यूजन स्टूडेंट्स को एंट्रेंस एग्जाम में भारी पड़ सकता है। अविरल क्लासेस के मैनेजिंग डायरेक्टर धनंजय कुमार मिश्रा ने स्टूडेंट्स को एंट्रेंस और बोर्ड एग्जाम में फिजिक्स के बेसिक्स की कैसे तैयारी करें। उन्होंने इलेवंथ फिजिक्स के कोर टॉपिक्स हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स, मैकेनिक्स एंड ऑसिलेशन को पूरी तरह से रिवाइज कर लें। इसके अलावा ट्वेल्थ के मॉर्डन फिजिक्स, ऑप्टोमैट्रिक्स और मैग्नेटिज्म को भी तैयारी में काफी हेल्प फुल बताया। उन्होंने लॉ ऑफ मोशन की अहमियत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी भी एंट्रेंस एग्जाम के लिए टाइम मैनेजमेंट और रिवीजन बेहद जरूरी है।

प्लान योर सेल्फ फ‌र्स्ट

अक्सर स्टूडेंट्स एग्जाम करीब आते ही सहम जाते हैं। लेकिन इससे सक्सेस नहीं पाई जा सकती। स्टूडेंट्स को अपने डर को गोल डिसाइड कर टाइम मैनेजमेंट करते हुए प्रीपेरेशन को प्लान करना होगा। आईआईटी दिल्ली से पास आउट और फेमस सीनियर साइक्लॉजिस्ट डा। मुकुल शर्मा ने स्टूडेंट्स को एग्जाम फियर और मेंटल प्रेशर को दूर करने के गुर दिए। उन्होंने कहा कि अक्सर स्टूडेंट्स भटक जाते हैं। प्लान किए बिना करियर की राह चुनना भी कई बार नुकसान देता है। इससे बचने के लिए सबसे पहले उस गैप को फिल करना होगा। जो स्टूडेंट्स के प्लान और उनके बीच बाधक हैं।

दशा और दिशा पहले से हो निर्धारित

स्टूडेंट्स की उम्र ऐसा दौर है जहां वह दो राहे पर होते हैं। कई बार स्टूडेंट्स फैसलों को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं, लेकिन जरूरत है कि स्टूडेंट्स अपने करियर की दशा और दिशा को पहले से निर्धारित करें। इंजीनियरिंग के लिए मैथेमेटिक्स सब्जेक्ट बेहद अहम है कोशिश करें कि एक से ज्यादा पब्लिशर्स की बुक्स के जरिए तैयारी करें। बलूनी क्लासेज के मैथेमेटिक्स फैकल्टी राजेश तिवारी ने स्टूडेंट्स को एंट्रेंस एग्जाम क्रैक करने के टिप्स दिए। साथ ही फेसबुक और व्हाट्स ऐप को तैयारी में बाधक बताया। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स टाइम को मैनेज करते हुए जितना हो सके सब्जेक्ट्स को फोकस करे।

टेक्नोलॉजी का करें सही प्रयोग

बचपन में पढ़ाई करते जो सपने संजोते हैं, वह दसवीं तक आते आते बदल जाते हैं। दरअसल इसी समय सही निर्णय लेने की जरुरत होती है। वहीं बढ़ती टेक्नोलोजी का गलत प्रयोग स्टूडेंट्स को भटकाने का काम करता है। स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी है, वह व्हाट्सऐप जैसी टेक्नोलोजी का सही प्रयोग करें। कुछ तो अपने टीचर को व्हाट्स ऐप पर सवाल भेजते हैं और फिर उनका हल पूछते हैं। मेरा मानना है कि स्टूडेंट्स सोचकर अपना कैरियर चुने और फिर उसमें सफलता हासिल करने के लिए हार्ड वर्क करें।

---- नवनीत शर्मा, केमिस्ट्री फैकल्टी, अचीवर्स क्लासेज

बायोलॉजी में बहुत है संभावनाएं

बायोलॉजी पढ़ने वालों के लिए बायोटेक्नोलॉजी में असीम संभावनाएं हैं। आज के समय में जैव विविधता पर सभी देश मिलकर काम कर रहे हैं, इसके लिए स्पेशलिस्ट की जरुरत है। मेडिकल लाइन के अलावा एग्रीकल्चर सेक्टर के फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फार्मा इंडस्ट्री सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिसमें जॉब की असीम संभावनाएं हैं। लेकिन यह सफलता केवल हार्ड वर्किंग पर निर्भर करती है। बस अपनी पसंद का क्षेत्र चुनकर उसकी रिवीजन करें। तभी आगे बढ़ा जा सकता है।

--डा। अंजुम एन रिजवी, ऑफिसर इंचार्ज, जेडएसआई देहरादून

अनुशासन ही दिलाएगा सफलता

अब समय बदल रहा है। ग्लोबलाइजेशन का दौर है। ऐसे में संभावनाएं भी पहले से बहुत ज्यादा बढ़ी हैं, लेकिन इन संभावनाओं को कैश करने में स्टूडेंट्स कई तरह की परेशानियों से रूबरू होते हैं। एसजीआरआर आईटीएस की डायरेक्टर, प्रीति कोठियाल ने कहा कि उत्तराखंड में लैंग्वेज की परेशानी सबसे ज्यादा है। यह परेशानी तब तक दूर नहीं होगी, जब तक स्टूडेंट्स इसे दूर करने को स्टडी नहीं करेंगे। इसके अलावा अनुशासन बहुत जरुरी है। स्टूडेंट्स अपने आप को स्वयं को अनुशासन में रखते हुए करियर को लेकर फोकस करें तो सफलता निश्चित तौर पर मिलेगी।

इंफेक्टिव लर्निग की डिफरेंट टेक्निक बताई

अर्चीवर्स क्लासेस के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु पंत ने कहा कि रिसीविंग, 'री' विजन, री प्रोडक्शन तीन ऐसी टेक्निक हैं, जो किसी भी स्टूडेंट्स को सफलता दिला सकते हैं। स्टूडेंट्स को क्लास में पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए। वहीं विजन को सुधारना चाहिए। इसके साथ अपने अंदर हमेशा सीखने की जिज्ञासा को बढ़ाना चाहिए। इससे सफलता मिल सकती है। मौजूदा लर्निग रिसोर्सेज को अपनाते हुए टीचर्स के मार्गदर्शन में कठिन परिश्रम करने से किसी भी समस्या को पार करते हुए सक्सेस हासिल की जा सकती है।

इस तरह के सेमिनार से स्टूडेंट्स को कैरियर के लिए फैसले लेने में मदद मिलती है। अच्छा लगा यह देखकर की स्टूडेंट्स को एक ही छत के नीचे अपनी सभी समस्याओं का समाधान मिल रहा है। ऐसे सेमिनार भविष्य में भी होते रहने चाहिए।

--शक्ति सिंह , डिप्टी डायरेक्टर युवा कल्याण

----

स्टूडेंट्स के सामने क्ख् वीं के बाद फैसले लेने में कठिनाई होती है। उस समय लिया जाने वाला निर्णय पूरे कैरियर का सफर तय करता है। ऐसे में इस तरह के सेमिनार से स्टूडेंट्स की जिज्ञासा शांत होती है। साथ ही एक्सपर्ट की मदद भी मिलती है। यह सेमिनार बहुत अच्छा रहा।

--अजय अग्रवाल, स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर उत्तराखंड

आज है आखिरी मौका

वीआईटी प्रजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज- ख्0क्भ् सेमिनार का वेडनसडे को आखिरी दिन है। स्टूडेंट्स ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन कराकर हाथीबड़कला स्थित सर्वे ऑफ इंडिया के ऑडिटोरियम में एक्सप‌र्ट्स से रूबरू हो सकते हैं। मॉर्निग का सेशन 9:00 बजे से क्ख्.00 बजे तक और दोपहर का सेशन क्:00 से ब्:00 बजे तक चलेगा। जिसमें एक्सप‌र्ट्स स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग से जुड़े डिफरेंट फील्ड्स की जानकार के साथ ही कॉम्पिटीटिव एग्जाम में सक्सेस हासिल करने की बारीकियां बताएंगे।

स्कूल्स का रहा जबरदस्त रेस्पॉन्स

वीआईटी प्रजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-ख्0क्भ् में शामिल हुए स्टूडेंट्स ने सेमिनार में जमकर एंज्वॉय किया। एंटरटेनिंग फॉर्म में मिली नॉलिजेबल जानकारी को स्टूडेंट्स ने खूब सराहा। एशियन स्कूल, दून ग्लोबल स्कूल, सांई ग्रेस एकेडमी, जिंप पायनियर, रिवरेन स्कूल, लक्ष्मण सिद्ध इंटर कॉलेज, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल रेस कोर्स और एसजीआरआर पब्लिक स्कूल वसंत विहार के स्टूडेंट्स के साथ ही कई ऐसे संस्थानों के स्टूडेंट्स ने अपने इंजीनियरिंग डाउट्स को क्लियर किया जो आईनेक्स्ट की खबर पढ़कर सेमिनार में शामिल हुए। स्टूडेंट्स ने कई अच्छी बातों को नोटपैड पर नोट किया तो कई ने विडियो कैप्चर कर संजोया। दोनों सेशन के दौरान ऑडीटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंजता रहा।

Posted By: Inextlive