- बंजारावाला, देहराखास, चंद्रबनी, विद्या विहार वार्ड में बुरा हाल

- इन नये वार्डो में नहीं आते सफाई कर्मचारी

देहरादून

नगर निगम के पिछले चुनाव से पहले जिन ग्रामीण क्षेत्रों को 40 नये वार्डो के रूप में नगर निगम का शामिल किया गया था, वहां लोग अब परेशान हैं। हालांकि इन वार्डो के पार्षद दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कई काम सेंक्शन करवा दिये हैं, लेकिन वास्तव में धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। इन वार्डो में सबसे बड़ी समस्या ड्रेनेज की है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इन वार्डो में जाकर हालात का जायजा लिया तो ज्यादातर वार्डो में गंदा पानी खाली प्लॉटों में छोड़ा जा रहा है। नालियां नहीं हैं। सफाई कर्मचारी कई दिनों बाद आते हैं और कूड़ा इकट्ठा करके सड़क किनारे जला देते हैं। देहराखास की मुख्य सड़क पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कूड़ा जलता नजर आया। कुछ वार्डो में नगर निगम की गाडि़यां नहीं आती। प्राइवेट गाड़ी आती है। लेकिन हर परिवार से 150 रुपये मांगे जाते हैं। लोग 150 रुपये देने के बजाय कूड़ा सड़कों या खाली प्लॉट में फेंक देते हैं।

वार्ड 84 बंजारावाला

समस्याएं

- क्लेमेंट टाउन को जाने वाली मुख्य सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त।

- नगर निगम का कूड़ा वाहन नहीं आता वार्ड में।

- प्राइवेट कूड़ा वाहन हर परिवार से 150 रुपये वसूलता है।

- पूरे वार्ड में कहीं भी नहीं की गई है नालियों की व्यवस्था

- समस्याओं में कहीं नहीं हो पा रही सुनवाई

यहां हालात बहुत खराब हैं। चारों ओर कूड़ा बिखरा रहता है। कोई पूछने वाला नहीं है। पार्षद से लेकर एमएलए तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिलते हैं।

- इमरान राणा

मेरे घर के सामने से मेन रोड गुजरती है। यहां ढलान होने और हर समय पानी बहने के कारण सड़क हमेशा टूटी रहती है। जब भी ठीक करवाई फिर टूट गई। सीमेंट वाली रोड बनाई जानी चाहिए।

- हेमलता

कूड़ा और पानी निकासी की सबसे ज्यादा समस्या है। हम लगातार इसे दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं। नई योजनाओं को मंजूरी मिली है। जल्दी स्थिति में सुधार आयेगा।

नीलम उनियाल पार्षद

वार्ड 72 देहराखास

समस्याएं

- सफाई कर्मचारी महीने में एक या दो बार ही आते हैं।

- जिस दिन आते हैं कूड़ा उठाते नहीं, सड़क के किनारे जला देते हैं।

- नालियों की कभी सफाई नहीं होती।

- जिसके घर के सामने नाली बंद होती है, वह पैसे देकर साफ करवाता है।

- गंदे पानी की निकासी नहीं है, यह पानी आसपास की खाली प्लॉट में भरता है।

यहां कोई सफाई कर्मचारी नहीं आता, नालियां तो कभी साफ करवाई ही नहीं जाती। खाली प्लॉटों में कूड़ा जमा है। नालियां का पानी भी इन्हीं में भरा रहता है। बहुत परेशानी होती है।

- आलोक कुमार

आज 15 दिन बाद यहां सफाई कर्मचारी नजर आये हैं। वो भी यहीं सड़क पर कूड़ा जला रहे हैं। जिस दिन यहां सफाई कर्मचारी आते हैं, चारों तरफ धुआं भर जाता है और बाकी दिनों में कूड़ा भरा रहता है।

- रामधीरज

पानी निकासी और मुख्य सड़क की समस्या है। नगर निगम में अप्लीकेशन लगा रखी है। उम्मीद है जल्दी काम हो जाएगा। 45 करोड़ रुपये के सीवर, पानी के काम सेंक्शन हुए हैं।

आलोक कुमार, पार्षद

वार्ड 73 विद्या विहार

- सड़क, सीवरेज और पानी की समस्या सबसे ज्यादा है।

- नालियों की कोई व्यवस्था नहीं है और गंदा पानी सड़कों पर भरा है।

- सफाई कर्मचारी बहुत कम ही यहां सफाई करने के लिए आते हैं।

- कूड़ा उठाने वाली गाड़ी भी कभी-कभी ही आती है।

- कई बार पार्षद से कह चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हो रहा है।

नगर निगम के आने के बाद हालत पहले से खराब हो गई है। पहले स्थानीय स्तर पर काम होते थे। अब नगर निगम के चक्कर लगाओ, फिर भी कोई सुनवाई नहीं। न सफाई होती है, न नालियां बनी हैं।

- सुशील सैनी

लगता था नगर निगम में आने के बाद कुछ सुधार होगा, लेकिन हालात और खराब हो गई है। कहीं कोई सुनवाई हो ही नहीं रही है। इलाका पहले से ज्यादा गंदा है। इन सालों में कोई काम नहीं किया है नगर निगम ने।

इंद्रेश नौटियाल

थोड़ी बहुत समस्याएं तो हैं। सबसे बड़ी समस्या पथरीबाग वाली मेन सड़क की है। प्रयास कर रहे हैं। इस बीच सीवरेज लाइन और नालियां आदि कई कामों की सेंक्शन मिली है। जल्दी समस्याएं हल हो जाएंगी।

राजपाल सिंह पयाल, पार्षद

वार्ड 91 चन्द्रबनी

समस्याएं

- सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से एक्सीडेंट का खतरा।

- नालियां व ड्रेनेज न होने से गंदा पानी सड़कों पर भरा है।

- स्ट्रीट लाइट ज्यादातर खराब हैं। शिकायत करने पर भी नहीं सुधरती।

- सफाई कर्मचारी कभी नहीं आते और न ही कूडे का उठान होता है।

- पीने के पानी की भी अक्सर समस्या बनी रहती है।

सबसे बड़ी समस्या सड़कों की है। इस वार्ड में एक भी सड़क चलने लायक नहीं है। हर जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं। रात को अंधेरे में एक्सीडेंट होने का लगातार खतरा बना रहता है।

- अरुण पाल

नगर निगम में जाने का नुकसान हुआ है। जो हालात पहले थे अब भी वही हैं। समझ में नहीं आता कि नगर निगम में क्यों शामिल किया। अब नगर निगम के कई तरह के टैक्स भरने पड़ेंगे, लेकिन सुविधाएं तो मिलनी ही चाहिए।

- हिमांशु अग्रवाल

सीवर और सड़कों की समस्या है। लेकिन इन समस्याओं को हल करने के लिए कोशिश हो रही है। फिलहाल पानी की समस्या को देखते हुए 166 करोड़ रुपये ही पेयजल योजना सेंक्शन हुई है। इस पर जल्दी काम शुरू हो जाएगा।

- सुखवीर बुटोला, पार्षद

Posted By: Inextlive