- दूसरे दिन भी केदारनाथ नहीं जा पाए यात्री, सोनप्रयाग में रोका गया है यात्रियों को

- बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे दो-दो स्थानों पर बंद, आज से अगले कुछ दिनों तक साफ रहेगा मौसम

DEHRADUN: उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से दुश्वारियां बरकरार हैं। सड़कें बंद होने से आवाजाही ठप होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री हाईवे समेत 133 मार्गो पर यातायात बाधित है। गढ़वाल मंडल में 133, जबकि कुमाऊं में 43 सड़कें बंद हैं। गौरीकुंड के पास केदारनाथ नेशनल हाईवे बंद होने के कारण श्रद्धालु दूसरे दिन भी केदारनाथ नहीं जा पाए। प्रशासन ने यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका हुआ है। इसके अलावा नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार से मौसम राहत देगा। अगले कुछ दिनों तक फिलहाल बारिश की संभावना नहीं है।

जेसीबी के ऊपर गिरा बोल्डर

गुरुवार को भले ही प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में छिटपुट बारिश हुई, लेकिन सड़कों पर भूस्खलन की मार जारी है। बुधवार को भारी बारिश के बीच गौरीकुंड के पास हो रहे भूस्खलन के कारण प्रशासन ने सोनप्रयाग में यात्रियों को रोक दिया था। यहां 100 यात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। गौरीकुंड के पास गुरुवार को भी हाईवे बाधित रहा। इस कारण प्रशासन ने श्रद्धालुओं को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी। यात्रा मजिस्ट्रेट सोनप्रयाग एमएल अंजवाल ने बताया कि पैदल मार्ग पर भी कुछ स्थानों पर पहाड़ों से पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ में कोई यात्री नहीं है। इसके अलावा बदरीनाथ नेशनल हाईवे टिहरी और चमोली जिले में दो स्थानों पर बंद है। चमोली में कुल 43 सड़कें मलबा आने से बाधित हैं। हालांकि सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग की टीम सड़कें खोलने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन दरकती पहाडि़यों से इसमें मुश्किल आ रही है। बदरीनाथ के पास गोविंदघाट में हाईवे चौड़ीकरण के दौरान एक विशाल बोल्डर गिरने से जेसीबी क्षतिग्रस्त हो गयी। जेसीबी ऑपरेटर ने भागकर जान बचाई।

9 घंटे बंद रहा गंगोत्री हाईवे

उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर नौ घंटे बाद यातायात बहाल किया जा सका, जबकि यमुनोत्री हाईवे दो स्थानों पर बंद है। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ में हालात गंभीर हैं। बुधवार की रात टनकपुर-तवाघाट हाईवे और हल्द्वानी-घाट मार्ग मलबा आने से बंद हो गया। सुबह टनकपुर और हल्द्वानी से पिथौरागढ़ आने जाने वाले वाहन लगभग पांच घंटे तक फंसे रहे। लगभग छह घंटे बाद सुबह करीब दस बजे लोनिवि की टीम ने मलबा हटाया, तब जाकर फंसे वाहन निकल सके। चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख,तवाघाट- तिदांग, मुनस्यारी-मिलम मार्ग सहित 25 मार्ग बंद हैं।

Posted By: Inextlive