देहरादून नगर निगम किसी को तो बचा रहा है। 16 दिसंबर को आरटीआई के तहत मांगी गई एक जानकारी नगर निगम अब तक नहीं दे पाया है। इस एप्लीकेशन को एक प्रभाग से दूसरे प्रभाग में घुमाया जा रहा है। खास बात यह है कि निगम के लोक सूचना अधिकारी लोगों के फोन तक नहीं उठा रहे हैं। डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी नगर निगम से यह जानकारी नहीं मिल पाई है। बजाय सूचना देने के इस एप्लीकेशन को कभी आउट सोर्स एजेंसी को दिया जा रहा है तो कभी अलग-अलग पटलों के हवाले किया जा रहा है।

देहरादून (ब्यूरो)। -नगर निगम के कितने कर्मचारी आउटसोर्स से लिये गये हैं।
- वे किन-किन पदों पर काम करते हैं।
- वे किस प्रभाग या किस पटल पर काम करते हैं।
- उन्हें कितना वेतन दिया जाता है और उनकी उपस्थिति क्या है।

सैलरी लेते हैैं काम नहीं करते
शहर में आमतौर पर यह चर्चा की जाती रही है कि नगर निगम में आउटसोर्स कंपनी के माध्यम में जो कर्मचारी लगाये गये हैं, उनमें बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं, जो काम नहीं करते, सिर्फ उनके खाते में हर महीने पैसा भेजा जाता है। चर्चा है कि ये नगर निगम के कामों में दखल रखने वाले लोगों के रिश्तेदार हैं। इस तरह की चर्चाओं की सच्चाई जानने के लिए यह आरटीआई लगाई गई है, लेकिन नगर निगम यह जानकारी नहीं दे पा रहा है।

इधर से उधर घूम रही एप्लीकेशन
आरटीआई के तहत 15 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध करवाने का नियम है। लेकिन, नगर निगम ने डेढ़ महीने बाद भी उलझा रहा है। 16 दिसंबर को एप्लीकेशन लगाने के बाद नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी ने एप्लीकेशन आउट सोर्स सर्विसेज देने वाली ठेकेदार कंपनी भार्गव सर्विसेज को इस टिप्पणी के साथ भेज दी कि यह सूचना उससे संबंधित है। उल्लेखनीय है कि आउटसोर्स कंपनी नगर निगम की मांग पर ही मैन पावर सप्लाई करती है। ऐसे में नियुक्त किये गये कर्मचारियों की सूचना नगर निगम के पास न होना निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। आउटसोर्स कंपनी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। अब एप्लीकेशन अलग-अगल प्रभागों को भेजी गई है। अब तक सिर्फ वैटनरी डिपार्टमेंट की ओर से 40 आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की जानकारी दी गई है।

Posted By: Inextlive