हाल ही में राज्य के पांच जिला आबकारी अधिकारियों का वेतन इसलिए रोक दिया गया कि वे निर्धारित संख्या में शराब की दुकानें नहीं खुलवा पाये थे। देहरादून में पहले ही सभी निर्धारित दुकानें खुल गई थी सिटी में शराब के शौकीनों को थोड़ी-थोड़ी दूरी तक शराब के ठेके मिल जाते हैं लेकिन सिटी के ठेकों पर शराब के ठेकों पर ओवर रेटिंग का खुला खेल चल रहा है। खास बात यह है कि ओवर रेंटिंग लगभग हर ठेके पर की जा रही है। यानी के शराब बेचने वाले इस मामले में एकजुट होकर काम कर रहे हैं। ओवर रेटिंग कितनी होनी है इस पर भी सभी शराब विक्रेता एकजुट लगते हैं। ऐसे में यदि कस्टमर किसी ठेके पर ओवर रेटिंग के कारण शराब नहीं खरीदता और अगले ठेके पर जाता है तो वहां भी उसे ज्यादा दाम देकर ही शराब खरीदनी पड़ती है।

देहरादून (ब्यूरो)। जिला आबकारी अधिकारी का दावा है कि देा दिन में 20 से ज्यादा दुकानों का चालान किया गया है। लगातार मिल रहीे ओवर रेटिंग की शिकायतों के बाद डीएम ने ऐसे ठेकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये थे। उन्होंने सभी एक्साइज इंस्पेक्टर्स को अपने-अपने क्षेत्र की शराब की दुकानों का निरीक्षण करने और ओवर रेंटिंग वाले ठेकों पर कार्रवाई करने को कहा था। इस आदेश के पालन में करीब दो दर्जन शराब की दुकानों वाले दून में मंडे को सिर्फ चार दुकानों का ही निरीक्षण किया गया। हालांकि ट्यूजडे को जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान ने एक दर्जन से ज्यादा दुकानों का इंस्पेक्शन करने का दावा किया। उन्होंने डिटेल देने में यह कहकर असमर्थता जताई कि सारी जानकारी जिला सूचना अधिकारी को भेज दी है। देर शाम तक जिला सूचना कार्यालय से ऐसा कोई प्रेस नोट जारी नहीं किया गया।

15 परसेंट से ज्यादा ओवर रेटिंग
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने हरिद्वार बाईपास स्थित एक शराब की दुकान का रियलिटी चेक किया। दून में बिकने वाले सबसे चीप ब्रांड की शराब का क्वार्टर मांगा गया। इस क्वार्टर पर कीमत 120 रुपये प्रिंट है। डेबिट कार्ड से पेमेंट किया गया। 150 रुपये काटे गये। जब 120 रुपये प्रिंट रेट की जगह 150 रुपये काटे जाने पर ऐतराज दर्ज किया गया तो सेल्समैन का कहना था कि पुराना रेट है। तब उसे बताया गया कि 10 परसेंट बढ़ोत्तरी के बाद इसकी कीमत 132 रुपये होनी चाहिए, 150 रुपये क्यों लिये जा रहे हैं। इस पर सभी सेल्समैन बहस पर उतर आये। जब बिल मांगा गया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया।

विरोध करने पर छीना-झपटी
शराब विक्रेताओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि यदि कोई विरोध करता है तो पैसे काटने में बावजूद हाथ से शराब की बोतल छीनने का प्रयास करते हैं। आमतौर पर शराब खरीदने वाले कस्टमर्स बहस नहीं करते। कारगी चौक स्थित शराब की दुकान पर शराब खरीदने के बाद कीमत को लेकर नाराजगी जता रहे एक कस्टमर से जब पूछा गया कि आपने ज्यादा कीमत का विरोध क्यों नहीं किया तो उसका कहना था कि दिक्कत ये है कि हर चौराहे पर शराब की दुकानें हैं, लेकिन शराब खरीदना इसके बाद भी गलत काम माना जाता है। ऐसे में हर शराब खरीदने वाला व्यक्ति शराब खरीदते समय हीनभावना से ग्रस्त होता है, इसी का लाभ शराब की दुकानों पर उठाया जा रहा है।
शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। सभी एक्साइज इंस्पेक्टर को इस बारे में जरूरी निर्देश दिये गये हैं। कुछ दुकानों के चालान भी हुए हैं। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।
डॉ। आर। राजेश कुमार, डीएम

Posted By: Inextlive