बिना परमिशन रोड काटी तो होगा एक्शन
प्रशासन के कड़े रुख के बाद आठ कंपनियों ने ली अनुमति
लीकेज जैसे तत्काल किए जाने वाले कार्यो में फोन से देनी होगी सूचना देहरादून। बिना प्रशासन की अनुमति लिये रोड कटिंग करना अब महंगा पड़ सकता है। ऐसा करने पर प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। किसी कार्य के लिए रोड कटिंग करने पर पीडब्ल्यूडी और ट्रैफिक विभाग की एनओसी लेने के बाद ही प्रशासन इसकी अनुमति दे सकेगा। हालांकि यह व्यवस्था पहले से थी लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था। अब डीएम स्तर से रोड कटिंग समन्वय समिति का गठन किया गया है। समिति की निगरानी में सभी काम होंगे। बिना परमिशन के रोड कटिंग करने वालों पर प्रशासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी। -- डीएम ने दिये आदेशडीएम स्तर से कुछ दिन पहले ही मीटिंग कर सभी विभागों के लिए यह फरमान जारी किया गया है। इसके तहत सरकारी और प्राइवेट सभी विभाग सहित एजेंसियों को डीएम ने सख्त आदेश दिए। साथ ही रोड कटिंग समन्वय समिति का गठन किया गया। बताया गया कि नगर निगम, एनएच या पीडब्ल्यूडी सहित जिस भी विभाग की सड़क खोदी जाएगी, पहले उस विभाग के साथ ही ट्रैफिक विभाग की एनओसी लेनी होगी। इस एनओसी को समन्वय समिति के सामने रखना होगा। जिसे देखने के बाद ही समिति प्रशासन स्तर से फाइनल अनुमति देगी। इसके बाद टै्रफिक विभाग के बताए टाइम के अनुसार ही काम करना होगा।
लोग होते हैं परेशान अब तक विभागों में आपसी समन्वय न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक विभाग दूसरे विभाग से एनओसी नहीं लेता था और बिन बताए ही रोड की खुदाई कर देता था। दूसरे विभाग की ओर से भी एनओसी नहीं मिलने से खुदाई की जानकारी तक नहीं होती है। काम पूरा होने के बाद जब रोड रिपेयर करने की बात आती है तो दोनों ही विभाग बजट की कमी का रोना रोते हुए रोड खुदी हुई हालत में ही छोड़ देते हैं। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। -- 8 कंपनियों ने ली परमिशन डीएम की ओर से नकेल कसने के बाद सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों पर असर पड़ा है। इस आदेश के जारी होने के बाद तीन ही दिन में आठ कंपनियों ने परमिशन के लिए एप्लीकेशन दी है। इनमें टेलीकॉम कंपनियों के साथ ही सरकारी विभाग भी शामिल हैं। इनकी ओर से संबंधित विभाग से एनओसी ले ली गई है और प्रशासन से रोड खुदाई की अनुमति मांगी गई है। -- आपदा में कॉल्सपाइप लाइन लीकेज जैसे मामलों में आपदा कंट्रोल रूम में कॉल कर काम करने की छूट दी गई है। दरअसल तुरंत किए जाने वाले कार्यो में संबंधित विभागों के साथ ही प्रशासन को फोन पर सूचना देकर काम किया जा सकता है। हालांकि लीकेज मरम्मत के कागजी कार्रवाई पूरी की जा सकती है।
-- ये होती हैं परेशानियां -हो जाता था ट्रैफिक जाम। - जल्दी नहीं बनती थी रोड। - विभाग एक-दूसरे पर डालते थे जिम्मेदारी। - लोग रोड बनाने के लिए काटते हैं विभागों के चक्कर। - दोनों ही विभाग बजट न होने की बात कहकर कर देते थे किनारा। -- स्मार्ट सिटी के काम भी शामिल स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे रोड कटिंग के सभी काम इस आदेश में शामिल हैं। इसके तहत सभी कामों की एक साथ प्रशासन स्तर पर अनुमति ली गई है। जहां भी रोड की खुदाई होगी, साथ-साथ उनके स्तर से ही मरम्मत कर दी जाएगी। -- ट्रैफिक वालों के बताए टाइम के अनुसार ही काम हो और संबंधित विभाग भी रोड तुरंत बना दे। इसे लेकर समिति चौकन्नी रहेगी। बिना अनुमति काम करने वाले विभागों पर कार्रवाई की जाएगी। बीर सिंह बुदियाल, एडीएम, एफआर