- गुरुवार को यमुना मंदिर में दर्शन करने खरसाली पहुंचे थे चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाई

- तीर्थ पुरोहितों पर जानबूझकर यमुना मंदिर का गेट बाहर और अंदर, दोनों तरफ से बंद करने का लगाया आरोप

UTTARKASHI: देवी यमुना के दर्शन एवं तीर्थ पुरोहितों की कुशलक्षेम पूछने यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली पहुंचे चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई और उनके साथ आए श्रद्धालु यमुना मंदिर में दर्शन नहीं कर पाए। यमुना मंदिर का गेट बंद मिलने से नाराज आचार्य ममगाईं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस घटना पर सरकार तीर्थ पुरोहितों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में इस तरह के कृत्य को लेकर कार्रवाई का प्रावधान है।

मंदिर का गेट किया बंद

आचार्य ममगाईं ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पहुंचते ही तीर्थ पुरोहितों ने यमुना मंदिर का गेट बाहर और अंदर, दोनों तरफ से बंद कर दिया। उनका यह व्यवहार शोभनीय नहीं है। इससे देश-दुनिया में एक गलत संदेश जाएगा। उधर, खरसाली निवासी एवं पंचपंडा समिति के अध्यक्ष वेद प्रकाश उनियाल ने कहा कि यमुनोत्री धाम सभी श्रद्धालुओं के लिए खुला है। लेकिन, यमुना मंदिर खरसाली गांव के मध्य स्थित है और कोरोना संक्रमण के चलते गांव में बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित है। कहा कि जहां तक यमुना मंदिर में दर्शन करने का सवाल है तो वह सुबह-शाम आरती के दौरान ही खोला जाता है। शेष समय मंदिर बंद रहता है। विदित हो कि तीर्थ पुरोहित उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं और उसके गठन में आचार्य ममगाईं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसलिए इस घटनाक्रम को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि, तीर्थ पुरोहित इस संबंध में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive