काफी दिनों से सियासी संकट से जूझ रहे उत्‍तराखंड को आज राहत मिलने की संभावना बढ़ गयी है। आज सदन में विश्‍वास मत दिया जायेगा। इस प्रक्रिया में राहत मिलने की संभावना तो राज्‍य के अपदस्‍थ मुख्‍यमंत्री हरीश रावत को भी है क्‍योंकि सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने कांग्रेस के नौ बागी विधयकों के मतदान अधिकार पर रोक को जारी रखा है।


आज है रावत की परीक्षा उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच आज परीक्षा का दिन है। सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत को आज सदन में विश्वास मत साबित करना होगा। हालांकि बागी विधायकों के वोटिंग में हिस्सा ना लेने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला निश्चित तौर पर हरीश रावत के लिए राहत की खबर बनकर आया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था जिसमें कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया गया था यानि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सभी 9 बागी विधायक आज सदन में होने वाले विश्वास मत के दौरान वोट नहीं डाल पाएंगे।कम नहीं चुनौतियां
9 बागी विधायकों के वोटिंग से बाहर होने का फैसला भले ही हरीश रावत के लिए राहत की खबर बनकर आया हो लेकिन उनके सामने चुनौतियां कम नहीं है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बाकी 27 विधायक भी पार्टी नेतृत्व से खुश नहीं है, ऐसे में फ्लोर टेस्ट के दौरान पलड़ा किस तरफ झुकेगा, यह कह पाना काफी मुश्किल है। फिलहाल सीटों का समीकरण इस प्रकार है, 9 बागी विधायकों के वोटिंग से हटाए जाने के बाद अब सदन की प्रभावी क्षमता घटकर 62 रह गई है जबकि बहुमत का आंकडा 32 हो गया है। मौजूद रहेगा सुप्रीम कोर्ट का पर्यवेक्षक शक्ति परीक्षण सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच होगा। इस दौरान 2 घंटे के लिए राष्ट्रपति शासन को हटा लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने शक्ति परीक्षण के लिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी (लेजिस्लेचर) को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल केवल उसी परिस्थिति में वोट देंगे जब सदन में पक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या बराबर हो जाये और किसी निर्णय पर पहुंचने के लिये उनका मत देना जरूरी हो। शक्ति परीक्षण के रिजल्ट की घोषणा स्वयं सुप्रीम कोर्ट 11 मई को करेगा।कैसे शुरू हुआ उत्तराखंड सियासी संकटदरअसल गत 18 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा में विनियोग विधेयक पर भाजपा द्वारा मत विभाजन का कांग्रेस के 9 विधायकों ने समर्थन कर दिया जिसके बाद राज्य में सियासी तूफान खड़ा हो गया जिसके बाद राज्य में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

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Posted By: Molly Seth