पाकिस्तान डे के मुद्दे पर जम कर राजनीति शुरू हो गयी है. इस कार्यक्रम में विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह के शामिल होने की जम कर आलोचना हो रही है. कांग्रेस ने इसे गलत बताया है लेकिन दूसरी तरफ जम्मू् कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे राजनीतिक जिम्मेदारी बताया है वहीं सिंह ने अपने ट्वीटस में इसे बेमजा दायित्व जताया है.

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से द्विपक्षीय संबंधों पर भारत की विदेश नीति सोमवार को कई पड़ावों से गुजरी. भ्रामक नीति के चलते कश्मीर पर खासी किरकिरी हुई. पाकिस्तान दिवस पर पाक उच्चायोग के समारोह में अलगाववादी नेताओं को बुलाने पर एक तरफ तो विदेश मंत्रालय ने तल्ख लहजे में कहा कि पाकिस्तान से उसके रिश्तों में हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं हो सकती. लेकिन उसी जलसे में शाम को बतौर सरकार के प्रतिनिधि खुद विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह पहुंच गए. वह भी ‘सरकारी फैसले’ पर अपनी खिन्नता जताने से नहीं चूके. हुर्रियत नेताओं की मौजूदगी में सिंह की शिरकत ने सरकार की कश्मीर नीति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.  
सरकार की रीति-नीति में अंतर सुबह से शाम होते ही दिख गया. पाकिस्तानी उच्चायोग के हुर्रियत प्रेम पर तल्खी के बावजूद पाकिस्तान दिवस समारोह में विदेश राज्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया. सोमवार को इस समारोह में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं मीरवायज उमर फारुक, सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक समेत छह अलगाववादी नेताओं की मौजूदगी में वीके सिंह भी वहां 15 मिनट की हाजिरी के लिए पहुंचे. वैसे वहां कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी मौजूद थे.
खीजे वीके सिंह ने कहा सरकार के भेजने पर हुआ शामिल  
हरी जैकेट पहने पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह समारोह में अपनी ‘संक्षिप्त’ उपस्थिति पर खीझ मिटाने की कोशिश करते हुए दावत के बाद बोले उन्हें सरकार का प्रतिनिधि बनकर जाने को बोला गया था. उन्होंने कहा सरकार ने वहां भेजा, मैं गया और लौट आया. जब वीके सिंह से पूछा गया कि क्या उन्हें मोदी ने वहां भेजा था तो जवाब में उन्होंने दोहराया भारत सरकार ने उन्हें भेजा था. समारोह से निकलकर पांच ट्वीट करके वीके सिंह यह जताने से नहीं चूके कि उन्हें जिस काम के लिए भेजा गया वह उससे खिन्न हैं. खिन्न और कर्तव्य के हैशटैग से मीडिया में उठे भूचाल के बाद सिंह ने अपने ट्वीट में नरमी लाते हुए कहा, ‘नैतिक और कानूनी कारणों से लक्ष्य हासिल करने को व्यक्ति प्रतिबद्ध होता है.’

#DUTY A task or action that a person is bound to perform for moral or legal reasons

— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015


उमर ने किया सिंह का बचाव
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान नेशनल डे पर आयोजित डिनर में पाक उच्चायोग जाने पर वीके सिंह का बचाव किया है. उमर ने ट्वीट कर कहा है कि विदेश राज्यमंत्री होने के नाते राजनयिक आयोजनों में जाना वीके सिंह का दायित्व है.
विदेश मंत्रालय ने कहा नीति नहीं बदली है गलतफहमी ना पाले पाकिस्तान
इससे पूर्व भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायुक्त अब्दुल बासित के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी जिसमें दावा किया गया था,‘अलगाववादियों को बुलाने पर भारत को एतराज नहीं.’ सरकार ने कहा है कि ‘कश्मीर को लेकर कोई गलतफहमी में न रहे.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘भारत पाकिस्तान संबंधों में हुर्रियत की कथित भूमिका पर भारत सरकार के रुख के बारे में गलतफहमी या गलतबयानी की गुंजाइश नहीं है. भारत-पाकिस्तान के मसलों को हल करने के केवल दो ही पक्ष हैं. इसमें किसी तीसरे के लिए कोई जगह नहीं.’
बासित ने कहा हुर्रियत नेताओं को बुलावा सामान्य प्रक्रिया  
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि उनका देश बातचीत के जरिए भारत के साथ जम्मू एवं कश्मीर विवाद सुलझाने का इच्छुक है. पाक उच्चायुक्त ने हुर्रियत नेताओं को बुलाने को सामान्य प्रक्रिया बताया. इस मौके पर जमानत पर रिहा आतंकी मसर्रत आलम को मिले पाकिस्तानी निमंत्रण ने आग में घी का काम किया.  
कांग्रेस ने बोला सरकार पर हमला
कांग्रेस ने इस मेल मुलाकात पर सरकार पर हमला बोला है. पाकिस्तान उच्चायुक्त की अलगाववादी नेता मीरवाइज से मुलाकात पर कांग्रेस ने सरकार से कड़ा रुख अपनाने की बात कही. पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘पाकिस्तान को अलगाववादियों की आवभगत बंद करनी चाहिए.’ जबकि भाजपा ने इसे हर साल होने वाली कवायद करार दिया. पार्टी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा ‘यह पहली बार नहीं हो रहा है.’

मोदी ने दी नवाज को मुबारकबाद

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को पाकिस्तान दिवस की बधाई दी है. मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ‘मैंने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को चिठ्ठी लिखकर पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की मुबारकबाद दी है. मेरा ये दृढ़ मत है कि सभी लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा से मुक्त खुले माहौल में द्विपक्षीय बातचीत से हल किया जाना चाहिए.

 

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Posted By: Molly Seth