Baisakhi 2020: बैसाखी का त्‍योहार मुख्‍य रूप से पंजाब व इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में मनाया जाता है। कटने के लिए तैयार पकी फसल का उत्‍सव होने के साथ ही सिख व हिंदूओं दोनों के लिए ही इसका धार्मिक महत्‍व भी है। इसी दिन खालसा पंथ की स्‍थापना हुई थी। इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है।

Baisakhi 2020 : वैसाखी सिख समुदाय का एक बड़ा पर्व है। इस दिन को ने केवल कृषि की महत्ता के लिए मनाया जाता है बल्कि सिख समुदाय इसे इसलिए भी मनाता है क्योंकि इसी दिन को खालसा पंथ के स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। साल 1699 में वैसाखी के दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। बता दें कि गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें व अंतिम गुरु थे। उन्होंने सिख समुदाय में ऊंची जाति व नीची जाति के बीच भेदभाव मिटाया था और एक- दूसरे के बीच समानता के भाव को बढ़ावा दिया था।

क्यों मनाते हैं वैसाखी

वैसाखी को देश भर में मनाया जाता है व देश के हर हिस्से में इसे अलग- अलग नाम से जाना जाता है। इसे पंजाब में किसान मुख्य रूप से मनाते हैं। पंजाब में खेतों में रबी की फसल पक कर तैयार हो जाती है तो उसके उपयोग से तरह-तरह के पकवान बना कर इस पर्व को मनाया जाता है। असम में इस त्योहार को बीहू के नाम से जाना जाता है।

इस तरह मनाते हैं त्योहार

वैसाखी का नाम वैसाख नक्षत्र के नाम पर रखा गया है और ये त्योहार वैसाख नक्षत्र में ही मनाया भी जाता है। इस दिन गुरुद्वारे में सिख समुदाय के सभी लोग इकत्र हो कर इसे धूमधाम से मनाते हैं और गुरुग्रंथ साहिब के सामने सजदा करके अपनी- अपनी अरदास लगाते हैं। वहीं ये सभी अपने-अपने घरों से पकवान बना कर भी लाते हैं और गुरुद्वारे के बाहर मेले से लग जाते हैं। बता दें कि ये त्योहार पंजाब में वैसाखी, अमस में बीहू, बंगाल में पोइला और केरल में विशु के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष कोरोनावायरस संकट के चलते लोग घरों में ही इस पर्व को मनाएंगे।

Posted By: Vandana Sharma