-कोहरे के आगे बेदम हुई हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस

-नई दिल्ली से बनारस पहुंचने में ट्रेन एक से दो घंटे हो रही लेट, फुल स्पीड से नहीं दौड़ पा रही ट्रेन

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VARANASI

भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत कोहरे के आगे बेबस है। आसमान में धुंध छाते ही यह ट्रेन बेजार हो जा रही है। खुद रेलमंत्री पियूष गोयल ने इसकी खूबियां गिनाई और स्पीड 150 से 160 किमी प्रतिघंटे बताई थी। लेकिन यह ट्रेन हाई फाई टेक्नोलॉजी से लैस होने के बावजूद अपने निर्धारित समय से दो तो किसी दिन एक घंटे लेट से वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंच रही है। इसके चलते पैसेंजर्स को खूब परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि महंगा टिकट लेने के बाद भी ट्रेन लेट हो रही है तो इससे अच्छा तो नार्मल ट्रेन ही अच्छी है।

सफर पड़ रहा भारी

देश की सबसे तेज रफ्तार में दौड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन को पीएम नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। खुद रेलमंत्री पियूष गोयल इसमें सवार होकर बनारस पहुंचे और इसकी जमकर खूबियां गिनाई। लेकिन पहली इंजन रहित और सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस फॉग के मौसम के अपने सफर में ही लगभग डेली लेट हो रही है। यह ट्रेन डेली दोपहर में दो बजे पहुंचनी है, लेकिन कैंट स्टेशन पर नये साल में तो समय से नहीं पहुंची है। जिस तरह से ट्रेन लेट हो रही है उससे इसमें सफर करने वाले यात्रियों को निराशा हाथ लगी है। मन ही मन वो सोच रहे हैं कि अभी भी देशवासियों को कुछ दिन और हाईस्पीड ट्रेन का इंतजार करना पड़ेगा।

इसके चलते हुई लेट

रेलवे ऑफिसर्स की मानें तो ट्रेन के लेट होने की वजह कोहरा है। कोहरे की वजह से कई अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनें भी लेट चल रही है। रेलवे लगातार ट्रेंस को समय पर चलाने के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन वह अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सका है। वहीं नई दिल्ली-कोलकाता रूट व्यस्त होने के चलते भी इस ट्रेन की स्पीड में ब्रेक लग जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कोहरा हटने के बाद ट्रेन अपनी फूल स्पीड से दौड़ने लगेगी। साथ ही यदि ट्रैक पर बाउंड्रीवाल का निर्माण हो जाए तो यह ट्रेन नई दिल्ली से बनारस पहुंचने में अपना निर्धारित समय पूरा करेगी।

पूरी तरह स्वदेशी

वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से 'मेक इन इंडिया' परियोजना के तहत बनाई गई है। इसका निर्माण आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री), चेन्नई में हुआ है। ट्रेन में 16 चेयरकार कोच (एग्जीक्यूटिव और नॉन एग्जीक्यूटिव) हैं। ट्रेन में 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच और दो एग्जीक्यूटिव कोच हैं। एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्री बैठते हैं और नॉन एग्जीक्यूटिव कोच में 78 लोगों के बैठने की सुविधा है। ट्रेन स्टेनलेस स्टील कार बॉडी पर बनी है। ट्रेन को लगभग 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जा सकता है।

ट्रेन में ये हैं सुविधाएं

ट्रेन में फ्री वाई-फाई और इंफोटेनमेंट की सुविधा है। ट्रेन में जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी है। ट्रेन में स्वचालित दरवाजे हैं। स्वचालित दरवाजे के साथ स्लाइडिंग फूटस्टेप की सुविधा भी उपलब्ध है। ट्रेन के दरवाजे परस्पर स्वत: जुड़े रहतें हैं। इसके अलावा ट्रेन में हलोजन मुक्त रबड़-ऑन-रबड़ का फर्श, खिड़की से बेहतर दृश्य और निरंतर ऊर्जा-कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था शामिल है। ट्रेन में सामान रखने वाला रैक ज्यादा बड़ा है, इससे यात्री अधिक सामान आसानी से रख सकेंगे।

एक हफ्ते का लेखा जोखा

डेट डाउन अप

एक जनवरी 14.35 15 बजे

तीन जनवरी 14.00 15 बजे

चार जनवरी 15.55 16.30 बजे

पांच जनवरी 17.15 17.55 बजे

सात जनवरी 14.15 15 बजे

आठ जनवरी 14.15 15 बजे

दस जनवरी 15.20 16 बजे

11 जनवरी 14.00 15 बजे

नोट-(नई दिल्ली से कैंट स्टेशन का आने का टाइम दोपहर दो बजे और यहां से रवाना होने का टाइम तीन बजे है)

Posted By: Inextlive