वंदे भारत ट्रेन में पहले ही दिन टिकट हुआ वेटिंग
- 17 से ट्रेन का रेग्यूलर होगा संचालन
varanasi@inext.co.inVARANASI : शताब्दी एक्सप्रेस से भी अधिक किराया होने पर बहुत लोगों ने उम्मीद लगाया था कि वंदे भारत एक्सप्रेस में सीट खाली रह जाएगी। लेकिन देश की पहली सेमी हाईस्पीड रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस (टी-18) के लिए रिजर्वेशन शुरू होते ही गुरुवार को पहले ही दिन इस ट्रेन में धड़ाधड़ टिकट बुक हुए। एक तरफ एसी चेयरकार के 920 सीट में से 371 सीट रात आठ बजे तक बुक हो गए। वहीं एग्जीक्यूटिव क्लास में 114 सीट के सापेक्ष 97 सीट की बुकिंग हुई। यही नहीं 24 फरवरी को तो वेटिंग शुरू हो गया। यह स्थिति तब है जब इस ट्रेन में सुबह की बजाए दोपहर दो बजे के बाद पीआरएस में नंबर फीड हुआ। तब रिजर्वेशन शुरू हुआ।
कैंट स्टेशन से 453 टिकट
सेमी हाई स्पीड ट्रेन में सफर करने की आस लगाए लोग कई दिनों से कैंट स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर का चक्कर काट रहे थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए सीट की बुकिंग शुरू हो गयी है, वैसे ही वो अपनी सीट बुक कराने में लग गये। स्थिति यह रही कि दोपहर दो बजे के बाद पीआरएस के कंप्यूटर पर ट्रेन के शो होते ही अकेले चेयर कार में 389 टिकट की बुकिंग हो गयी। वहीं एग्जीक्यूटिव क्लास में 64 लोगों ने टिकट बुक कराया। बताया जाता है कि यदि काउंटर बंद नहीं होता तो यह आकड़ा और होता। बहरहाल बहुत सारे लोगों ने रेलवे के वेबसाइट के थ्रू ऑनलाइन भी अपना टिकट बुक कराया।
वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर करने वालों के लिए नई दिल्ली से किराया अलग है और बनारस से अलग है। नई दिल्ली-वाराणसी के लिए चेयरकार का किराया 1760 रुपए, जबकि एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3310 रुपए है। वहीं कैंट स्टेशन से चेयरकार के लिए 1700 व एग्जीक्यूटिव क्लास में 3260 रुपये किराया है।
आज शाम 7.50 बजे पहुंचेगी बनारस
देश की पहली सेमी हाई स्पीड बहुप्रतीक्षित ट्रेन वंदे भारत को बनारस के सांसद व पीएम नरेंद्र मोदी नई दिल्ली स्टेशन पर सुबह 10.45 बजे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस ट्रेन में रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य जनप्रतिनिधि व ऑफिसर्स भी वहां से सवार होकर रवाना होंगे। जो कानपुर, इलाहाबाद के बनारस कैंट स्टेशन पर शाम 7.50 बजे सभा करेंगे। जिसकी तैयारी को देर रात अंतिम रूप दे दिया गया। कैंट स्टेशन पर पूरे दिन तैयारी होती रही।
-हलोजन मुक्त रबड़- ऑन रबड़ का फर्श।
- जीरो डिस्चार्ज बायो- वैक्यूम शौचालय।-मॉड्यूलर शौचालयों में एस्थेटिक टच- फ्री बाथरुम।- सामान खाने वाला रैक ज्यादा बड़ा रहेगा।- दोनों छोर पर ड्राइविंग केबिन।- विकलांग यात्रियों के लिए डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी।-यात्रियों के लिए नवीनतम कोच होंगे जो बेहतर सुविधा देंगे।