वाराणसी में निर्माणाधीन पुल की बीम गिरने से 18 लोगों की मौत होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित की गयी। ऐसे में उच्चस्तरीय जांच समिति ने अपनी जांच में वाराणसी पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।

वाराणसी पुलिस को क्लीन चिट दे दी
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लखनऊ।
वाराणसी में निर्माणाधीन पुल की बीम गिरने से 18 लोगों की मौत होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित की गयी उच्चस्तरीय जांच समिति ने अपनी जांच में वाराणसी पुलिस को क्लीन चिट दे दी है। गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री को सौंपी गयी रिपोर्ट में सेतु निगम के अफसरों और वाराणसी पुलिस के बीच ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर छिड़ी रार और मुकदमेबाजी को लेकर कार्रवाई करने की संस्तुति नहीं की गयी। जबकि पुलिस को सतर्क करने वाले सेतु निगम के अफसरों पर ही गाज गिरा दी गयी। इसे लेकर सेतु निगम के अफसरों और कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।
सतर्क हो जाते तो न होता हादसा
उल्लेखनीय है कि पुल के निर्माण कार्य को देखते हुए सेतु निगम के अफसरों ने वाराणसी पुलिस को ट्रैफिक डायवर्जन करने के लिए पत्र लिखा था जिसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बाद में जब निर्माण कार्य के लिए सेतु निगम के इंजीनियरों ने पुल के नीचे जारी ट्रैफिक को रुकवाया तो उनके खिलाफ यातायात पुलिस ने एफआईआर दर्ज करा दी। बाद में उच्चाधिकारियों की मध्यस्थता के बाद इस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाई गयी। इस बाबत सेतु निगम के अफसरों का कहना है कि यदि वाराणसी पुलिस ने पहले सतर्कता से काम किया तो हादसे की नौबत न आती। वहीं वाराणसी पुलिस का कहना था कि वैकल्पिक मार्ग का इंतजाम करना सेतु निगम का जिम्मा था।
बीम गिरने की वजहों का उल्लेख नहीं
वहीं दूसरी ओर गुरुवार को सौंपी गयी रिपोर्ट में पुल की बीम गिरने की सही वजह का उल्लेख भी नहीं किया गया है। रिपोर्ट में निर्माण कार्य के दौरान बरती जा रही लापरवाहियों के बारे में अहम जानकारियां जरूर दी गयी हैं। अब इस सूरत में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा गठित की गयी जांच समिति की रिपोर्ट आने का इंतजार है जिसमें बीम गिरने की सही  वजह सामने आ सकती है। ध्यान रहे कि बीम गिरने की वजह आंधी-तूफान बताने के बाद सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल को भी राज्य सरकार ने पद से हटा दिया था हालांकि उन्हें राजकीय निर्माण निगम के एमडी के पद पर बरकरार रखा गया है जिसे लेकर भी तमाम सवाल उठ रहे है।     
जांच रिपोर्ट को लेकर भी ठनी रार
सूत्रों की मानें तो उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट को लेकर जिला प्रशासन और जांच समिति के बीच भी रार ठन गयी है। दरअसल मुख्यमंत्री को भेजी रिपोर्ट में जिला प्रशासन की लापरवाही का जिक्र किया गया है। सूत्रों की मानें तो इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से भी राज्य सरकार को एक रिपोर्ट भेजी गयी है।

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Posted By: Shweta Mishra