दो मंजिला मकान में हुआ जबरदस्त विस्फोट दो की मौत आधा दर्जन घायल। घर में जमा था बारूद सिलेंडर ब्लास्ट की बात कर रही पुलिस। हवा में मौजूद गंध दे रही थी घर में बारूद मौजूदगी का एहसास।


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VARANASI :  लहरतारा का इलाका बुधवार की सुबह तेज धमाके से दहल उठा। फ्लाईओवर के समीप स्थित दो मंजिला मकान में हुए विस्फोट की चपेट मेंं आने से दो लोगों की मौत हो गयी और आधा दर्जन घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ के जवानों ने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को मंडलीय व बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। विस्फोट की वजह घर में अवैध रूप से जमा बारूद में आग लगाना बताया जा रहा है। हवा में मौजूद बारूद के गंध इसकी गवाही दे रहे थे। हालांकि पुलिस इसे सिलेंडर ब्लास्ट बता रही है। फारेंसिक टीम सुबूत जुटाने में लगी रही। सुरक्षा के मद्देनजर देर शाम जिला प्रशासन के आदेश पर पूरे मकान को जेसीबी से ढहा दिया गया।पटाखे की दुकान भी लगाते थे
लहरतारा रेलवे क्रासिंग के पास तारा देवी का दो मंजिला मकान है। बेटे कुणाल व रिंकू ठेला लगाते हैं। त्योहार पर परिवार पटाखों की दुकान भी लगाता था। मकान में भूतल पर परिवार रहता था जबकि ऊपरी मंजिल पर दो किरायेदार शाहिद उर्फ शकील व आरिफ रहते थे। दोपहर में पहली मंजिल की छत तेज विस्फोट के साथ गिर पड़ी। मलबे की चपेट में पड़ोस में रहने वाले मेवालाल, आरिफ, शाहिद समेत तारा देवी का परिवार आ गया। मलबे में फंसे लोगों को निकालकर ट्रामा सेंटर बीएचयू व मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा ले जाया गया। उपचार के दौरान इलाहाबाद निवासी शाहिद उर्फ शकील (45 वर्ष) व तारा देवी के पड़ोसी मेवालाल गुप्ता (55 वर्ष) की मौत हो गई। विस्फोट के बाद मलबे की जद में आकर घायल आरिफ (45 वर्ष), रिंकू (30 वर्ष), सुनीता (35 वर्ष), कुणाल (30 वर्ष), कुणाल की एक वर्ष की बेटी विधि, तारा देवी की नातिन चिंकी (12 वर्ष) व सुनीता घायल हो गई। मलबे की जद में आने से पड़ोसी निर्मला देवी, इंदू देवी भी चोटिल हुईं। पुराना इतिहास * 25 अक्टूबर 2016 को चेतगंज थाना एरिया के पितरकुंडा में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।* 18 नवंबर 2016 को पिंतरकुंडा इलाके में कूढ़े के ढेर में विस्फोट होने से एक सफाईकर्मी जख्मी हो गया था* 1 फरवरी 2017 को मंडुवाडीह पुलिस ने चार युवकों के पास से एक टन विस्फोटक बरामद किया था, विस्फोटक से हथगोला बनाया जाना था।

Posted By: Mukul Kumar