- प्लास्टिक के पाइप का मॉडल बनाकर उगा दिए पौधे

- कम स्पेस वाले घरों के लिए तैयार किया है वर्टिकल हाइड्रोपॉनिक्स

>BAREILLY :

जगह की कमी से अगर आप अपने घर में किचन गार्डन नहीं बना पा रहे हैं तो परेशान होने की बात नहीं है। एसआर इंटरनेशनल स्कूल के 9वीं में पढ़ने वाले पांच स्टूडेंट्स ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिसमें प्लास्टिक के पाइप में किचन गार्डन तैयार कर इसे दीवार पर भी टांग सकते हैं। बच्चों ने इसे वर्टिकल हाइड्रोपॉनिक्स सिस्टम नाम दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें आसानी से पौधे उगाने के साथ 80 प्रतिशत पानी की बचत भी होती है।

वर्टिकल हाइड्रोपॉनिक्स बनाने वाले स्टूडेंट आर्यमन कुमार ने बताया कि वह और उसके दोस्त वैदेही सिंह, हर्षित राना, लक्ष्य अग्रवाल और फैज रजा भी साथ बैठते थे तो यही सोचते थे कि बढ़ती आबादी के कारण पेड़-पौधे कम हो रहे हैं। मकानों की जगह हाईराइज अपार्टमेंट बनने लगे हैं और इन अपार्टमेंट के फ्लैट्स में पौधे उगाने के लिए जगह ही नहीं होती है। ऐसे में आने वाले समय में घर के आसपास हरियाली और कम होती चली जाएगी। क्यों ना एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए, जिससे कम स्पेस वाले घरों में भी पौधे उगाए जा सकें?

ऐसे तैयार हुआ वर्टिकल हाइड्रोपॉनिक्स

इसी दौरान आर्यमन को आइडिया आया कि क्यों ना लकड़ी के तख्ते में बड़े-बड़े छेद बनाकर उसमें पौधे उगाए जाएं। उसने अपने बाकी साथियों से इसे शेयर किया। लेकिन इसमें लकड़ी के सड़ने का डर था। उन्होंने इसे लोहे के पाइप में भी आजमाने का सोचा। लोहे में जंग लगने की आशंका के चलते इसे भी ड्रॉप कर दिया। फिर प्लास्टिक के पाइप में समान दूरी पर बड़े-बड़े छेद कर उसमें पौधे उगाने पर सब राजी हो गए। उन्होंने इस आइडिया को अपने टीचर नीरज से शेयर किया। उन्होंने स्टूडेंट्स के इस आइडिया को और डेवलप करने में मदद की। इसके बाद सभी स्टेडेंट्स ने मिलकर प्लास्टिक के पाइप्स को ज्वाइंट के जरिए जोड़कर एक मॉडल तैयार किया। फिर इसमें समान दूरी पर एक ही साइज के छेद किए। नारियल की छाल को बारीक पीसकर इसमें मिट्टी और पानी मिलाया। फिर इस मिश्रण को अच्छी तरह निचोड़कर इसे पाइप में भर दिया और इसमें बीज डाल दिए। मात्र छह हजार रुपए में तैयार हुए इस सिस्टम में एक हफ्ते में पौधे उग आए।

मिट्टी से ज्यादा नारियल की छाल का प्रयोग

मिश्रण में मिट्टी की मात्रा कम और नारियल की छाल का प्रयोग ज्यादा किया गया है। क्योंकि नारियल की छाल के मुकाबले मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है। साथ ही नारियल की छाल से पौधे को अधिक समय तक नमी भी मिलती है। सिस्टम में पौधों को पानी पाइप के एक सिरे से दिया जाता है, जो धीरे-धीरे सभी पौधों तक पहुंच जाता है।

दीवार पर भी टांग सकते हैं

वर्टिकल हाइड्रोपॉनिक्स सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती है। इसे दीवार पर भी टांग सकते हैं। इसमें आयुर्वेदिक पौधे, टमाटर, हरी मिर्च, तुलसी और फूल उगा सकते हैं। इन सभी स्टूडेंट ने इस सिस्टम में अपने घरों पर भी पौधे उगाए हैं।

सेंसर आधारित सिस्टम

वर्टिकल हाइड्रोपॉनिक्स सिस्टम पूरी तरह सेंसर पर बेस है। आग लगने पर इसमें अलार्म बज उठता है। इसमें डेढ़ माह तक अंडे को खराब होने से बचाया भी जा सकता है।

Posted By: Inextlive