वसंत पंचमी के पर्व पर 70 लाख ने लगाई संगम में डुबकी

अलसुबह मौसम में बदलाव ने किया परेशान, प्रशासन का बढ़ा सिरदर्द

ALLAHABAD: गंगा-यमुना की पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं की मौसम ने जमकर परीक्षा ली। बुधवार अलसुबह अचानक बढ़ी ठंड और घने कोहरे ने हाड़ कंपाने में कोई कसर नही छोड़ी। हालात यह रहे कि विजिबिलिटी कई गुना घट जाने से लोगों को आसपास की चीजें दिखनी बंद हो गई और वह माघ मेला क्षेत्र में भटकने पर मजबूर हो गए। इस दौरान पुलिस और प्रशासन भी असहाय नजर आया। हालांकि, इस बीच कोई अनहोनी नही हुई और अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

चार बजे के बाद बदला मौसम

बुधवार की सुबह के चार बज रहे थे। लाखों की संख्या वसंत पंचमी के महास्नान पर्व पर संगम में डुबकी लगाने की तैयारी में थे कि अचानक मौसम ने जबरदस्त करवट ले ली। देखते ही देखते, पूरा माघ मेला एरिया घने कोहरे की आगोश में आ गया। दस मीटर के पार देखना भी मुश्किल हो रहा था। ऐसे में श्रद्धालु सहम गए। जो जहां था वहीं ठिठक कर रुक गया। पुलिस और प्रशासन ने कमान संभाली लेकिन कुदरत की मर्जी के आगे मजबूर थे। जो लोग संगम की राह पर थे वह विजिबिलिटी घट जाने से भटकने लगे। उन्हें संगम जाने का ठौर और ठिकाना दोनों नही मिल रहा था। लगभग दो घंटे तक घने कोहरे ने लोगों को बेबस कर दिया। सुबह छह बजे के बाद जब सूर्य की किरणें धरती पर पहुंची तो कोहरा छटने लगा और श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली।

पहाड़ों पर बर्फबारी का प्रभाव

मौसम के इस बदलाव को मौसम विज्ञानी बहुत तवज्जो नही देते हैं। प्रो। बीएन मिश्रा कहते हैं कि ऐसी घटनाएं देखने में अभूतपूर्व लगती हैं लेकिन यह आम बात है। कोहरा बनने का बड़ा कारण सूर्य की गर्मी और नमी का सम्मिश्रण होता है। पहाड़ों में एक ओर जबरदस्त बर्फबारी हो रही है तो मैदानों में सर्दी पलायन के मूड में है। ऐसे में पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाएं मैदानों की गर्माहट से टकराकर कोहरे में बदल जाती हैं। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र और माघ मेला जैसे खुले मैदानों में ऐसा अक्सर देखने में आता है। बुधवार सुबह अचानक पड़ा कोहरा इसी का नतीजा है।

जायजा लेते रहे अधिकारी

वसंत पंचमी के स्नान पर 76 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा पुण्य लाभ अर्जित किया। इस दौरान कमिश्नर राजन शुक्ला, डीएम संजय कुमार और एसएसपी शलभ माथुर ने मेला एरिया का निरीक्षण कर सुविधाओं का हालचाल लिया। घाटों पर माला-फूल और नारियल को हटाने के लिए सफाईकर्मियों को तैनात किया गया था। इस दौरान डीएम ने स्नानार्थियों से बातचीत कर कमियों की जानकारी भी ली। मेले में शांति और सुरक्षा के मद्देनजर आरएएफ का माउंटेन सर्विलांस व्हीकल ने मोर्चा संभाले रखा। कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल ने मेले में जवानों का हौसला बढ़ाने में कोई कसर नही छोड़ी। पीएसी और पुलिस के अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से मेले का नजारा लिया गया। सिविल डिफेंस के जवान भी घाटों पर तैनात रहे। वसंत पंचमी के स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए डीएम ने सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। भूले-भटके शिविर में बुधवार को 5785 महिला-पुरुष और 18 बच्चों को परिजनों से मिलाया गया।

Posted By: Inextlive