-वासंतिक नवरात्रि के तीसरे दिन मां भगवती के चौथे स्वरूप कूष्मांडा का हुआ पूजन-अर्चन

-अलोपशंकरी मंदिर के परिसर में कर्णछेदन व मुंडन संस्कार को पहुंचे दूरदराज के क्षेत्रों से परिजन

ALLAHABAD: चैत्र नवरात्रि के तीसरा दिन शुक्रवार होने की वजह से देवी धामों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। बहुरंगी फूलों से मां का दरबार महकता रहा तो माता रानी का जयकारे से परिसर गुंजायमान रहा। सिद्धपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर और शक्तिपीठ मां ललिता देवी मंदिर में जगत जननी मां भगवती के चौथे स्वरूप कूष्मांडा के मनोहारी श्रृंगार का दर्शन कर भक्त निहाल हो उठे।

मुख्य यजमान संजीव अग्रवाल की अगुवाई में ललिता देवी मंदिर के परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ में दर्जनों लोगों ने आहुतियां डाली। वहीं कल्याणी देवी मंदिर में भक्त दिनभर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते रहे। दोनों मंदिरों के गर्भगृह को रजनीगंधा, गुड़हल व गेंदा के फूलों से सजाया गया था। शाम को हुई महाआरती में उपस्थित सैकड़ों भक्तों ने जमकर मां भगवती का जयकारा लगाया। चौक स्थित मां खेमामाई मंदिर के परिसर को गेंदा के फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था।

मां भगवती के नव विधा स्वरूप का मनोहारी श्रृंगार का दर्शन करने के लिए देर शाम तक भक्तों के पहुंचने का सिलसिला चलता रहा। शिवजी मालवीया की अगुवाई में देर रात मां भगवती की विशेष आरती उतारी गई।

अलोपशंकरी मंदिर में मनोकामना पूर्ति के लिए चढ़ाया निशान

शुक्रवार का दिन होने की वजह से शक्तिपीठ मां अलोपशंकरी के दरबार में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रही। मंदिर में मनोकामना पूर्ति के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों ने निशान चढ़ाया तो दिनभर मां का पालना छूने का सिलसिला चलता रहा। वहीं बगल में दुर्गा मंदिर में दर्जनों भक्तों ने बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया।

Posted By: Inextlive