-पच्चीस दिन में छात्रों को डिग्री देने का दावा रहा फेल

-ऑनलाइन सिस्टम के बाद भी लगी स्टूडेंट्स की लाइन

आगरा। विश्वविद्यालय का खोया गौरव वापस लौटाने का दावा करने वाले कुलपति के दो वर्ष के कार्यकाल में समस्या जस की तस बनी है। ऑनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद भी भीड़ कम हुई न कार्यवाई। बदला है तो बस वर्ष। डॉ। भीमराव आम्बेकर विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ। अरविन्द दीक्षित के दो वर्ष पूरे हो चुके हैं। काफी प्रयास के बाद भी स्टूडेंट्स की समस्या भीड़ बढ़ती जा रही है। हालांकि अभी-भी कुछ ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिन तेजी से कार्य चला रहा है, कुलपति द्वारा शीघ्र ही लम्बित कार्यो को पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

ऑनलाइन के बाद भी लगी भीड़

विश्वविद्यालय में समस्या निस्तारण को आने वाली स्टूडेंट्स की भीड़ को कम करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू किया गया था। इसके अंतर्गत डिग्री मा‌र्क्सशीट अप्लाई करने के बाद स्टूडेंट्स उसकी स्थिति की भी जानकारी कर सकते हैं, एक महीना बीतने के बाद भी एप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स फिर से विवि में पहुंचने लगे। वर्तमान में अधिकतर स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो डिग्री, मा‌र्क्सशीट की समस्या को लेकर विवि कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं निर्धारित समय में डिग्री घर पहुंचाने का दावा भी फेल रहा।

अधिकतर कार्य पूरा करने का दावा

कुलपति द्वारा अधिकतर कार्य पूरा करने का दावा किया जा रहा है, इसके अंतर्गत डॉ। दीक्षित ने ललित कला कुंज परिसर का लोकार्पण तीस जून 2018 तक पूरा करने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस परिसर में ललित कला, इतिहास, पर्यटन विभाग संचालित होना है। दूसरी योजना दीक्षांत मंडप एवं चाणक्य शिक्षक सदन का निर्माण है। इन प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य चल रहा है। इसी तरह अन्नपूर्णा कैंटीन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चकुा है। कुलपति द्वारा अभी अस्सी फीसदी कार्य पूरे करने का दावा किया जा रहा है, शेष कार्य भी शीघ्र पूरे करने का प्रस्ताव है।

नहीं हुई दागियों पर कार्यवाई

विश्वविद्यालय में एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए कर्मचारी और अधिकारियों पर कुलपति द्वारा कोई ठोस कार्यवाई नहीं की गई। वहीं परिसर में स्टूडेंट्स से रिश्वत लेने के कई मामले प्रकाश में आए, जिन पर कार्यवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। फर्जीवाड़े और घोटालों की जांच में शामिल कर्मचारी महत्वपूर्ण पटलों पर कार्य कर रहे हैं।

वर्जन

विश्वविद्यालय में समस्या निस्तारण के नाम पर स्टूडेंट्स को लाइन में खड़ा कर दिया है। समस्या लेकर पहुंचे छात्र-छात्राओं को पहले कुलसचिव कार्यालय में लाइन लगानी पड़ती थी, अब विवि के बाहर लाइन देखी जा सकती है।

गौरव शर्मा, एनएसयूआई

वर्जन

कुलपति द्वारा स्टूडेंट्स की समस्या निस्तारण के लिए बेहतर प्रयास किए गए हैं, ऑनलाइन सिस्टम, प्रयोगात्मक परीक्षा के साथ परिसर में विकास कार्य उनके द्वारा पूरे किए गए हैं।

कृतिका सोलंकी, एबीवीपी

Posted By: Inextlive