वीडीओ के परिजनों ने प्रशासन पर लगाया सुसाइड करने के लिए उकसाने का आरोप

बड़ा भाई बोला, काम के प्रेशर में उठाया आत्मघाती कदम, पुलिस जांच करके किसने बनाया प्रेशर

परिवार में कोई दिक्कत नहीं थी। दो भाई और एक बहन सैटिल्ड हैं। एक भाई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। खुद की नौकरी भी ठीक-ठाक चल रही थी। इसके बाद भी उसने अचानक मौत को गले लगाने का फैसला लिया। उसका यह फैसला न तो उसके साथ काम करने वाले कर्मचारियों के गले उतर रहा है और न ही परिवार के सदस्यों के। साथी कर्मचारियों ने तो सीधे-सीधे प्रशासनिक अफसरों को कटघरे में खड़ा कर दिया है और कहा है कि अफसरों ने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। भाई का भी कहना है कि यह प्रेशर में उठाया गया कदम है। इसकी जांच पुलिस करे कि प्रेशर बनाने वाला कौन था? यह स्टोरी मंगलवार को सामने आई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ऋषि मिश्रा की मौत के मामले में। पोस्टमार्टम के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार देर शाम कर दिया गया।

सोमवार को कूदा था ट्रेन के सामने

सोमवार की देर शाम रीवा रोड पर ट्रेन से कटकर वीडीओ ऋषि मिश्रा ने जान दे दी थी। आत्महत्या प्री प्लांड थी क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि ऋषि अपनी बाइक से घटनास्थल पर पहुंचा था। उसने बाइक खड़ी की और चाबी भी नहीं निकाली। देख लिया कि सामने से ट्रेन आ रही है तो वह ट्रेन की पटरी पर जाकर लेट गया। यह सीन देखने वाले अवाक रह गए। ऋषि की मौत हो जाने के बाद देर रात तक बॉडी अज्ञात में पड़ी रही। पुलिस ने बाइक के नंबर से मृतक के घर का पता ट्रेस किया और रात साढ़े 11 बजे मौत की मनहूस खबर परिजनों तक पहुंचाई।

मां का इकलौता सहारा

नीम सराय कालोनी धूमनगंज के रहने वाले ऋषि मिश्रा के परिवार में मां के अलावा दो भाई और एक बहन है। ऋषि दूसरे नंबर का था। बड़ा भाई रवि मिश्रा सीआरपीएफ भोपाल में डिप्टी कमांडेट है। छोटा भाई प्रकाश मिश्रा कानपुर में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी करता है। बड़ी बहन रुची आनंद सीआईएसएफ मुम्बई में डिप्टी कमांडेट है। पिता आनंद स्वरूप शुक्ला बोर्ड ऑफिस में सिक्योरिटी ऑफिसर थे। बीमारी के चलते उनकी इसी साल 29 फरवरी को मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद ऋषि पर ही मां निर्मला के देखरेख की जिम्मेदारी आ गई थी। इसे वह बखूबी निभा भी रहा था क्योंकि उसकी पोस्टिंग सोरांव तहसील में थी और वह आराम से रोज अप डाउन कर लेता था।

स्थानान्तरण के बाद हो गया परेशान

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक के साथी कर्मचारियों ने बताया कि इसी महीने की चार तारीख को ऋषि का स्थानान्तरण सैदाबाद एरिया में कर दिया गया था। घर से दूरी ज्यादा होने के चलते वह परेशान हो उठा। मां के घर में अकेले होने से वह कंसंट्रेट नहीं कर पा रहा था। अफसरों का प्रेशर बढ़ने से वह तनाव में आ गया। अपनी हालत की जानकारी देकर ट्रांसफर रुकवाने की गुहार लेकर मां निर्मला देवी सीडीओ और डीएम से मिलने पहुंची थीं। घर की परिस्थिति बताते हुए आग्रह किया कि ऋषि को आसपास ही कहीं पोस्ट कर दिया जाय ताकि वह घर आता-जाता रहे। साथियों को इस बारे में ऋषि ने जो कुछ बताया, उसके मुताबिक अधिकारियों ने उन्हें डांट-फटकार कर भगा दिया था। इसके बाद उसे अफसरों से काम को लेकर सुनना पड़ गया तो वह डिप्रेशन में चला गया और यह आत्मघाती कदम उठा लिया।

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दिसंबर में हाेनी थी शादी

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक के बड़े भाई ने बताया कि ऋषि की शादी तय हो चुकी थी। दिसंबर में शादी होनी थी। इस दौरान तक ऋषि का प्रमोशन भी हो जाना था। पूरा परिवार शादी की तैयारियों को लेकर सपने सजाने में जुटा था। किसी ने सोचा भी नहीं था कि नीयति उन्हें इस मोढ़ पर लाकर खड़ा कर देगी। इतना बताते हुए वह फफक पड़े तो पीएम हाउस पहुंचे ऋषि के साथी कर्मचारियों ने उन्हें संभाला। उनका तेवर बता रहा था कि मामले को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी संघ खुद भी हैंडिल कर सकता है।

Posted By: Inextlive