Gorakhpur : एक जमाने में दरवाजे पर बंधी हाथियों को जंजीरों में जकड़ा जाता था. हाथी कहीं भाग न जाए इसलिए लोग उनको जंजीरों में जकड़कर रखते थे. इस जमाने में हाथी पालना बेहद मुश्किल हो चला है. उनकी जगह लोग लग्जरी व्हीकल्स रख रहे हैं लेकिन दरवाजे पर खड़ी लग्जरी व्हीकल को जंजीरों में बांधा जाए तो चौंकना लाजिमी है. जी हां सिटी में लोगों को ऐसा ही करना पड़ रहा है. वहीं अपनी लग्जरी व्हीकल्स को किराए पर चलाने वाले भी टेंशन में है. रेलवे स्टेशन से बुक कराकर बोलेरो लूटने की वारदात सामने आने के बाद उनके चेहरे की हवाइयां उड़ रही हैं.


वाहनों की चोरी, बेबस पुलिस सिटी में टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर्स की चोरी खूब होती है। चहारदीवारी के भीतर खड़े वाहन भी सेफ नहीं रहते। रात में गाड़ी खड़ी करके सोने वाले तमाम लोगों को चोरों ने जोर का झटका धीरे से लगाया है। पता लगता है कि रात में दरवाजे पर खड़ी गाड़ी सुबह गायब है। पता करने पर मालूम होता है कि उनकी गाड़ी चोरी हो गई। उसके बाद थाना और चौकियों की भागदौड़ शुरू हो जाती है। ज्यादातर मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद मामला खत्म हो जाता है। तीन साल में 38 लग्जरी व्हीकल्स चोरी, ज्यादातर बोलेरो


सिटी में एक्टिव फोर व्हीलर के चोरों ने तीन साल के भीतर करीब 38 व्हीकल्स उड़ाए हैं, इनमें ज्यादातर बोलेरो शामिल है। पुलिस का कहना है कि कुछ गाडिय़ों की बरामदगी से यह आंकड़ा कम हो गया है। 22 से अधिक गाडिय़ां बोलेरो हैं जिनको दरवाजे से चोरों ने उड़ा दिया है। इसके अलावा बुकिंग के बहाने भी चोर व्हीकल्स लेकर चंपत हो जाते हैं। पुलिस हाथ पांव मलती रह जाती है। शहर में फैलाया है चोरों ने जाल

सिटी के कैंट, कोतवाली, शाहपुर और तिवारीपुर एरिया में लग्जरी गाडिय़ों की चोरी की सूचनाएं आती रहती है। खोराबार के तारामंडल इलाके में फोर व्हीलर की चोरी होती है। चोरी से परेशान लोग अपने व्हीकल्स को दूसरों को हाते में भी खड़ी करते हैं। सिटी के साथ मौका पाकर देहात में भी चोर हाथ साफ कर देते हैं। व्हीकल्स की चोरी में बड़हलगंज, पीपीगंज सहित कई इलाके शामिल हैं। बताया जाता है कि लोकल चोरों के साथ मिलकर बाहर से आने वाले चोर  यहां पर वारदात करते हैं। नेपाल बदनाम, बंगाल और बिहार में खप रहे वाहन

चोरी की गाडिय़ों के बिकने के मामले में नेपाल बदनाम है लेकिन बार्डर पर सिक्योरिटी टाइट होने से चोरी होने वाले व्हीकल्स बिहार और बंगाल में खप रहे हैं। कई बार ऐसे भी मामले सामने आए है जिनमें पता चला है कि रजिस्ट्रेशन नंबर बदलकर गाडिय़ां यहीं पर चल रही है। 29 अगस्त 2012 को कैंट इलाके गोपालापुर निवासी अमित पांडेय की व्हीकल स्टेशन रोड से चोरी हो गई। चोरों ने इसका नंबर प्लेट बदलकर इस पर उत्तर प्रदेश शासन का बोर्ड लगा दिया। यह गाड़ी देवरिया से गोरखपुर तक चल रही थी। छह महीने की मेहनत के बाद वह गाड़ी पकड़ी जा सकी। इसके पहले आशंका जताई जा रही थी चोरों ने उसको नेपाल ले जाकर बेच दिया है। दो साल पहले कैंट पुलिस ने लखनऊ के आशीष चक्रवर्ती को पकड़ा। उसके माध्यम से यह मालूम हुआ कि वह बुकिंग के बहाने गाडिय़ों को चुराकर बंगाल में बेचता था। पुलिस टीम ने बंगाल में दबिश दी तो वहां पर गोरखपुर से चुराई गई आधा दर्जन व्हीकल्स मिली। पुलिस ने बताया कि आशीष एक लड़की के साथ अपना परिवार बताकर गाड़ी बुक कराता था। ड्राइवर को नशीली चाय या कोल्डड्रिंक पिलाकर वे लोग गाड़ी लेकर फरार हो जाते थे। एक रिटायर दीवान की गाड़ी गायब होने के बाद यह मामला सामने आया। तब यह खुलासा हुआ कि नेपाल के अलावा अन्य जगहों पर चोरी की गाडिय़ां खप रही हैं। आजमगढ़ से जुड़े हैं व्हीकल चोरी के तार
फोर व्हीलर चोरी के मामले में आजमगढ़ के रहने वाले बदमाशों का नाम प्रकाश में आया है। आजमगढ़ के गुरु टोला का आदिल, सुल्तानपुर का आमिर, संतकबीर नगर के दुधरा का दिलीप चौहान, चौरीचौरा इलाके के गुड्डू आलम सहित कई बदमाशों का नाम व्हीकल चोरी में सामने आया है। पहली बार 2009 में व्हीकल चोरी के मामले में आदिल का नाम सामने आया। वह अपने रिश्तेदार आमिर के साथ मिलकर वारदात करता है। दो साल पहले मोहद्दीपुर इलाके से एक बोलेरो चोरी हुई जिसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ था जिसके सहारे पुलिस आमिर तक पहुंच गई। गाड़ी चुराने के बाद वह आजमगढ़ पहुंचकर आराम से सो रहा था। तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। ये सभी बोलेरो चोरी में एक्सपर्ट हैं। इसी साल चौरीचौरा एरिया मे वाहन चोरों का बड़ा गैंग पकड़ा गया था। मौके पर बनाते हैं चाभी, खुल जाती है किस्मतवाहन चोरी के मामले में पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस को बताया है कि वह आसानी से गाडिय़ां चुरा लेते हैं। डीजल टैंक का ढक्कन तोड़कर उसमें चाभी लगाने से निशान बन जाता है। इसके बाद रेती से रगड़कर चाभी बना लेते हैं। बताया जाता है कि आदिल इस मामले में इतना मास्टर माइंड है कि कुछ ही मिनटों में वह गाड़ी के शीशे और फाटक खोल देता है। कैंट इंस्पेक्टर रहे एसएन सिंह के जमाने में लंगड़ाकर चलने वाला एक शातिर पकड़ा गया था। जुलाई मंथ में कुसम्ही बाजार के जय सिंह के दरवाजे से चोरों ने बोलेरो ले जाने की कोशिश की। लेकिन जंजीर में बंधे होने की वजह से गाड़ी बच गई। न गाड़ी मिली न जय सिंह साहनी
20 मार्च को कैंट इलाके से बुक कराकर चुराई गई जय सिंह साहनी की बोलेरो का पता नहीं चल सका है। पुलिस की जांच में यह भी नहीं पता लग पाया कि जय सिंह कहां है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को अरेस्ट करके जेल भेज दिया है। इस मामले में परिजनों ने कई बार आंदोलन भी किया था। रिटायर सैनिक के ड्राइवर संग हुई घटना नंदानगर सैनिक कुंज में रहने वाले रिटायर सैनिक रामनाथ सिंह के बेटे राजेश सिंह की बोलेरो गुलरिहा के छत्रधारी टोला का गजराज सिंह चलाता है। वेंस्डे मार्निंग ड्राइवर ने मालिक को बताया कि रेलवे स्टेशन पर मिले चार युवकों ने देवरिया के लिए गाड़ी बुक कराई। रामनगर कडज़हां के पास उसको फेंककर गाड़ी लेकर फरार हो गए। इस मामले में खुलासे के लिए एसएसपी ने क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया है। इसके पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। report by : arun.kumar@inext.co.in

Posted By: Inextlive