हर साल बढ़ रहे 50 हजार वाहन, प्रदूषण, जाम से परेशानी
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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पूर्वी सिंहभूम जिले में हर साल 50 हजार नए वाहन सड़क पर उतर रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था मुहैया नहीं कराने की वजह से बढ़ते वाहनों के कारण पार्किग, जाम, प्रदूषण जैसी समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. बढ़ते वाहनों से शहर में जाम की समस्या बढ़ रही है. इससे निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस की पर्याप्त संख्या नहीं रहने की वजह से कई चेक पोस्ट से जवान नदारत रहते हैं. शहर में वाहनों की संख्या में वृद्धि के साथ भी पार्किंग की समस्या भी बढ़ती जा रही है. प्रदूषण जांच नहीं होने के कारण वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं. नहीं है पर्याप्त बलट्रैफिक विभाग में स्वीकृत पद से कई गुणा कम जवान शहर में तैनात हैं. इससे लोगो को जाम, दुघर्टना जैसी समस्याओं का सामना पड़ रह है. शहर में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए 1,071 जवान के स्वीकृत पद है, लेकिन सिर्फ 128 जवान की तैनाती है. ऐसे में 943 जवानों की कमी है. जवानों की कम संख्या होने के कारण चौक-चौराहों से जाम हटाना सही ढंग से नहीं हो पाता है.
पार्किग की समस्याशहर में बढ़ते वाहनों का वजह सो मुख्य बाजारों में पार्किग की समस्या उत्पन्न हो रही है. इससे बाजार आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क पर बेतरतीब तरीके से पार्किग के कारण जाम समस्या होती है. फिलहाल शहर में छह लाख से अधिक दोपहिया और चार पहिया वाहन चल रहे हैं. इन वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था की कमी है. समस्या का निदान नहीं खोजा गया, तो आने वाले समय में यह समस्या और बढ़ जाएगी. हालांकि, साकची में हाल ही में टाटा स्टील द्वारा क्वाटरों को तोड़ कर पार्किग स्थल बनाया गया, पर बाजार से पार्किग स्थल कुछ दूरी पर है. इससे लोग पार्किग स्थल पर अपनी गाडि़यों की पार्किग नहीं कर रोड पर अपनी गाडि़यां खड़ी कर रहे हैं. ऐसा प्रशासन की लापरवाही के कारण हो रहा है. बिष्टुपुर में दो स्थानों पर पार्किंग जोन बनाया गया है. कई स्थानों पर सड़क के किनारे पार्किंग का रूप दिया गया है. व्यापारियों के अनुसार, वाहनों की संख्या के आधार पर यहां तीन और पार्किंग स्थल होने चाहिए.
बढ़ रहा प्रदूषणशहर में तेजी से बढ़ती वाहनों की संख्या की वजह से प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जा रही है. परिवहन विभाग द्वारा गाडि़यों के प्रदूषण लेवल की जांच नहीं की जाती है. इससे सिटी में ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाडि़यां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 2019 में कराए गए सर्वे के अनुसार शहर के बड़े हिस्से की हवा प्रदूषित हो गई है. यहां हवा में प्रदूषण न्यूनतम मानकों से कहीं अधिक स्तर पर पहुंच गया है. रेसपिरेबल सस्पेंडेंट पार्टिकुलेट मेटर (आरएसपीएम) का स्तर जहां 100 एमजीएम (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) होना चाहिए, वहीं बिष्टुपुर में इसका स्तर 148.72 (एमजीएम) है, तथा गोलमुरी में सबसे ज्यादा 184.3 (एमजीएम) व साकची में 110 (एमजीएम) तक जा पहुंचा है. सर्वे के अनुसार गोलमुरी कोल्हान का सबसे प्रदूषित इलाका है, इसका कारण इस इलाके वाहनों का सबसे ज्यादा परिचालन है. प्रदूषण पर्षद के साइंटिफिक ऑफिसर सत्यप्रकाश ने बताया कि शहर में चलने वाले ट्रक, ट्रेलर, हाइवा सहित छोटे वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी वायुमंडल में धूलकण फैलने का सबसे बड़ा कारण है.
हर साल हजारों की संख्या में वाहनों की संख्या बढ़ रही है. ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के लिए जांच अभियान भी चलाया जाता है. अगर वाहन अतिप्रदूण फैलाते हैं, तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है. दिनेश रंजन, डीटीओ, पूर्वी सिंहभूम शहर में साल दर साल बढ़े वाहनसाल बाइक कार कुल
2013-14 34520 4990 45868 2014-15 40067 5684 51531 2015-16 49009 5554 59676 2016-17 42293 4953 51197 2017-18 58650 7626 65365