पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का आज 50वां जन्मदिन है। वेंकटेश को उनकी तूफानी गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है। आइए जानें उनके जन्मदिन पर जानें इस गेंदबाज से जुड़ी कुछ रोचक बातें..

कानपुर। 5 अगस्त 1969 को कर्नाटक में जन्में वेंकटेश प्रसाद 90 के दशक के भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंंदबाजों में गिने जाते थे। वेंकटेश और जवागल श्रीननाथ की जोड़ी काफी फेमस थी। काफी टैलेंटेड होने के बादवूद प्रसाद का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं चल पाया। वह करीब 6 साल ही क्रिकेट खेल पाए। मगर इतने कम समय में उन्होंने वो-वो कारनामे कर दिखाए जिसके लिए दुनिया आज भी उनका नाम लेती है। खासतौर से पाकिस्तान के खिलाफ वेंकटेश प्रसाद का शानदार प्रदर्शन कोई नहीं भूल सकता।

1993 से हुई करियर की शुरुआत

दाएं हाथ के गेंदबाज वेंकटेश ने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में डेब्यू 1993 में किया था। 93-94 में प्रसाद ने 13 फर्स्ट क्लाॅस मैच खेले जिसमें 50 विकेट अपने नाम किए। वहीं लिस्ट ए क्रिकेट के 7 मैचों में प्रसाद ने 9 विकेट लिए थे। उसी साल देवधर ट्राफी मैच में साउथ जोन ने 82 रन बनाए। ऐसे में इतने कम स्कोर को डिफेंड करते हुए साउथ जोन की तरफ से प्रसाद ने 18 रन देकर 6 विकेट चटकाए और नार्थ जोन की पूरी टीम 68 रन पर ऑलआउट हो गई। इनकी इन शानदार पर्फामेंस ने उनको न्यूजीलैंड के खिलाफ 1994 में वनडे में खेलने का मौका दिया।

वनडे में ऐसे मिली पहचान
न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू करने वाले प्रसाद शुरुआती मैचों में कुछ कमाल नहीं कर सके। शुरुआती तीन मैचों में वह बिना विकेट लिए पवेलियन वापस लौटे। प्रसाद ने पहला इंटरनेशनल विकेट श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में लिया। हालांकि वनडे में उन्होंने अपनी पहचान वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाई जब 10 ओवर में 36 रन देकर 3 विकेट हासिल किए।

View this post on InstagramThis moment is etched forever in every cricket fan's minds. Perfect time to take everyone in a rewind!!! Happy Birthday Venkatesh Prasad! #TEAMINDIA

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जब आया करियर का सबसे यादगार पल
दो साल वनडे क्रिकेट खेलने के बाद वेंकटेश को 1996 वर्ल्डकप में भारतीय टीम में जगह दी गई। इस विश्वकप में वेंकटेश ने न सिफर् हिस्सा लिया बल्कि उसे यादगार भी बना दिया। 1996 विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ। ये मैच भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद और पाकिस्तान बल्लेबाज आमिर सोहेल के बीच तकरार के लिए याद किया जाता है। भारत ने इस मैच में पाक के सामने 287 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया। खेल के दौरान मैच का 15वां ओवर वेंकटेश प्रसाद फेंक रहे थे। जिसमें ओवर की चौथी गेंद पर सोहेल ने चौका जड़ दिया। चौका लगाने के बाद सोहेल खुश हुए और प्रसाद की ओर इशारा किया कि तुम्हारी जगह बाउंड्री के बाहर ही है। इसके बाद अगली गेंद पर प्रसाद ने सोहेल का स्टंप उखाड़कर उन्हें करारा जवाब दिया। इस रोमांचक मैच में प्रसाद ने तीन विकेट लिए थे और भारत मैच जीत गया था।

लॉर्ड्स में मिली जगह
1994 में प्रसाद ने ODI में डेब्यू किया था लेकिन पहला टेस्ट मैच खेलने में उनको दो साल लग गए। प्रसाद ने 1996 में एजबैस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार टेस्ट कैप पहनी। जबकि दूसरा टेस्ट मैच उन्होंने लॉर्ड्स में खेला। इस मैच की पहली इनिंग में उन्होंने 76 रन पर पांच विकेट चटका कर लॉडर्स के बोर्ड ऑफ ऑनर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया। बता दें इस बोर्ड में आज तक सचिन तेंदुलकर का नाम नहीं चढ़ पाया क्योंकि यहां का नियम है जो गेंदबाज लाॅर्ड्स टेस्ट में 5 विकेट या बल्लेबाज 100 रन बनाता है उसका नाम लिस्ट में दर्ज हो जाता।

बेहतरीन बॉलिंग का नमूना

1996 में साउथ अफ्रका के खिलाफ खेले गए डरबन टेस्ट में प्रसाद ने शानदार बॉलिंग की थी। हालांकि ये मैच भारत जीत नहीं पाई थी लेकिन वेंकेटेश ने इस मैच में काफी शानदार बॉलिंग की थी। इस मैच में वेंकेटेश ने 60 रन पर साउथ अफ्रिका के 5 विकेट चटकाए थे और 235 रन पर पूरी टीम को समेट दिया था। मैन्चेस्टर में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए 1999 वर्ल्ड कप में प्रसाद की खतरनाक गेंदबाजी ने सबको स्तब्ध कर के रख दिया था। 27 रन पर उन्होंने पाकिस्तान के 5 विकेट छटक लिए थे। ये मैच काफी शानदार था।

श्रीलंका में मचाया धमाल

1990 तक भारत के लिए माना जाता था कि वो किसी दूसरे देश में मैच जीत नहीं सकती। लेकिन सौरव गांगुली को टीम का कप्तान बनाया गया और उन्होंने टीम में आत्मविश्वास भरा कि वो ओवरसीस भी मैच जीतने के काबिल है। 2001 में Kandy में भारत और श्रीलंका के बीच मैच हुआ जिसमें प्रसाद ने अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया। उन्होंने इस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में श्रीलंका के 5 विकेट लिए थे और 221 पर पूरी टीम को ऑल आउट कर दिया था। इस मैच में भारत बेहतरीन जीत हासिल की थी।

कभी नहीं लगा पाए हाॅफसेंचुरी

बॉलिंग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रसाद का बैटिंग करियर काफी खराब है। क्रिकेट के किसी भी फॉर्म में उनका सर्वोच्च स्कोर 37 रन है। यानी की प्रसाद ने कभी भी क्रिकेट में 50 रन भी नहीं बनाए।
अर्जुना अवार्ड से नवाजा
2001 में प्रसाद को अर्जुना अवार्ड से सम्मानित किया गया था। कमाल की बात हे कि से अवार्ड उनको उस वक्त मिला जब वो टीम में अपनी जगह दोबारा बनाने की कोशिश कर रहे थे।

बड़े पर्दे पर आए

शानदार बॉलर प्रसाद ने 2014 में बड़े पर्दे पर अपना डेब्यू किया था। उन्होंने कन्नड़ फिल्म सचिन तेंदुलकर आला में जवागल श्रीनाथ के संग अपने अभिनय का हुनर भी दिखाया था।

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari