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पुलिस चलाएगी स्कूली बस-आटो के चालक खलासी की वेरीफिकेशन ड्राइव

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ गार्ड का पूरा डिटेल होगा थानों में

ALLAHABAD@inext.co.ibn

ALLAHABAD: आप भले ही थोड़े लापरवाह हों लेकिन पुलिस ऐसा नहीं करेगी। भले ही आपको पता न कि आपके बच्चों को स्कूल लेकर जाने वाले आटो, बस और रिक्शा का ड्राइवर मूल रूप से कहां का रहने वाला है। उसका बैकग्राउंड क्या है? उसका पास्ट क्या रहा है? लेकिन पुलिस के पास पूरा डिटेल होगा। स्कूली बच्चों से बढ़ते अपराध को सीरियसली नोटिस लेते हुए आईजी जोन आरके चतुर्वेदी ने सभी थानों को कैंपेन चलाकर वेरीफिकेशन करने का आदेश दिया है। इसकी मॉनिटरिंग जोन के जिलों के एसएसपी और एसपी करेंगे।

बिना जानकारी मुश्किल होता है खुलासा

गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में पठन-पाठन फिर से शुरू हो गया है। कुछ स्कूल खुल चुके हैं और कुछ ईद के बाद खुल जाएंगे। वैसे तो अपने यहां के चतुर्थ श्रेणी स्टॉफ मेम्बर्स के साथ चौकीदार और ड्राइवर खलासी का वेरीफिकेशन कराने की जिम्मेदारी स्कूलों की है लेकिन ज्यादातर स्कूल ऐसा नहीं करते। इससे बच्चे असुरक्षित हाथों में आते-जाते हैं। पास्ट में स्कूली बच्चों के साथ कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसमें कक्षा तीन की छात्रा के साथ बलात्कार की कोशिश और आटो में छेड़छाड़ के चलते छात्रा द्वारा चलते आटो से कूद जाने जैसी घटनाएं शामिल हैं। स्कूलों के अलावा बच्चों के पैरेंट्स भी इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते। ऐसे में आईजी जोन आरके चतुर्वेदी ने अपने निर्देश में कहा है कि पूर्व में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो द्वारा छोटे बच्चों के साथ अपहरण और दु‌र्व्यवहार जैसे कृत्य किए गए लेकिन स्कूलों में उनकी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं होने से पुलिस को घटनाओं का खुलासा करने में खासी दिक्कतें पेश आती हैं।

चलेगा अभियान, नहीं रहेंगे अनजान

आईजी ने मंडल के समस्त जिलों कें एसएसपी और एसपी को अपने क्षेत्रों में अभियान चलाकर प्ले स्कूलों समेत कक्षा आठ तक के स्कूलों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत उनके निवास, चरित्र और परिवारिक स्थिति की पूरी जानकारी पुलिस रिकार्ड में मौजूद होगी। ऐसे में भविष्य में कोई अनचाही घटना बच्चों के साथ पेश आती है तो पुलिस को अभियुक्तों को पकड़ने में आसानी होगी।

बॉक्स

पैरेंट्स भी रहें होशियार

पुलिस द्वारा उठाए गए एहतियातन कदम का स्वागत करते हुए आई नेक्स्ट भी पैरेंट्स को सचेत कर रहा है। नए शैक्षणिक सत्र में अपने नन्हें बच्चों को स्कूल भेजने से पहले संबंधित कर्मचारी से पूरी पूछताछ अवश्य करें। हो सके तो स्कूल प्रशासन से भी भेजे जाने वाले कर्मचारी के बारे में जानकारी प्राप्त करें। कई बार देखने में आया है कि अभिभावक बिना किसी जांच-पड़ताल के खुद को स्कूल का कर्मचारी बताने वाले कर्मचारी के हाथ में अपने बच्चों की कलाई थमा देते हैं, जो किसी भी होने वाली घटना की अलार्मिग स्टेज हो सकती है।

कौन-कौन होगा दायरे में

स्कूलों के आटो, रिक्शा, बस के चालक और कंडक्टर

स्कूलों में तैनात दाई और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

प्ले स्कूल के साथ कक्षा आठ तक संचालित विद्यालय

स्कूलों के चौकीदार

पूर्व में बच्चों के साथ ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और बस-आटो के चालक खलासी का इन्वाल्वमेंट था। स्कूलों में उनकी पूरी जानकारी उपलब्ध न होने से पुलिस को घटनाओं का खुलासा करने में खासी दिक्कतें आई। इसीलिए अभियान चलाकर वेरीफिकेशन करने के निर्देश दिए गए हैं।

आरके चतुर्वेदी

आईजी जोन

Posted By: Inextlive