महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर शनिवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलिअर्पित की। आज महाराणा प्रताप की 480 वीं जयंती है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस संकट के बीच आज देश में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही है। इस दाैरान देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद कर उनकी 480 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी देशभक्ति को हमेशा याद किया जाएगा। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने संदेश में कि महाराणा प्रताप भारत के महान योद्धाओं में से एक थे। उनका अदम्य साहस, वीरता, नेतृत्व कौशल और मातृभूमि के लिए प्यार हमेशा याद किया जाएगा और हर भारतीय को प्रेरित करता रहेगा।

Tributes to Maharana Pratap - one of India's greatest warriors, on his Jayanti today. His indomitable courage, valour, leadership skills and love for motherland will always be remembered and continue to inspire every Indian. #MahaRanaPratapJayanti pic.twitter.com/eUlUubc28E

— Vice President of India (@VPSecretariat) May 9, 2020

महाराणा प्रताप का जन्म 1540 में हुआ
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेवाड़ के 13 वें राजा को भारत माता का महान पुत्र बताया। उन्होंने कहा कि उनकी देशभक्ति, आत्म-सम्मान और उनका जीवन हमेशा देश के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। महाराणा प्रताप का जन्म 1540 में हुआ था। महाराणा प्रताप अपने बचपन में प्रताप सिंह के नाम से जाने जाते थे। मेवाड़ नरेश राणा उदय सिंह के घर जन्में प्रताप बचपन से ही काफी प्रतापी रहे। उदय सिंह की कई संतानों की ही तरह प्रताप ने भी युद्धकला की शिक्षा ली थी, लेकिन उन सभी में सिर्फ वो ही राजा बनने के लायक साबित हुए, क्योंकि उनमें कई ऐसे गुण थे जो उन्हें आगे लेकर गए।

भारत माता के महान सपूत महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देशप्रेम, स्वाभिमान और पराक्रम से भरी उनकी गाथा देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।

— Narendra Modi (@narendramodi) May 9, 2020भीलों से प्रताप की गहरी दोस्ती हो गई थी

महाराणा प्रताप सिंह बचपन से ही तीर और भाला चलाने के साथ ही शिकार करने का बड़ा शौक था। इस कारण कई बार वो अपने खास दोस्तों के साथ जंगल में शिकार खेलने जाते और कई कई दिन वहीं पर बसेरा करते थे। इस दौरान जंगलों में रहने वाले भीलों से प्रताप की गहरी दोस्ती हो गई।

Posted By: Shweta Mishra