की भारत-वियतनाम के संबंधों में प्रगाढ़ता की कामना

- राजदूत ने कहा, गया-हनोई के बीच नहीं शुरू हो सकती है विमान सेवा, यहां संसाधनों की भारी कमी

PATNA :

वियतनाम की उपराष्ट्रपति डांग थी न्गोक थिन्ह गुरुवार को अपने 43 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बुद्धभूमि बोधगया पहुंचीं। उन्होंने विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना कर भारत व वियतनाम के पुराने रिश्तों में और प्रगाढ़ता की कामना की। पवित्र बोधिवृक्ष की तीन बार परिक्रमा की।

वियतनाम के राजदूत फाम सान चाउ ने कहा, यह हमारा सौभाग्य है कि इस पावन धरती को नमन करने का मौका मिला। ढाई हजार वर्ष पहले यहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने विश्व में समता, शांति व भाईचारे का पाठ पढ़ाया। हम लोग इस अति सुंदर धर्मस्थली के रखरखाव से अत्यधिक प्रभावित हुए। उन्होंने भारत व वियतनाम की सरकार के बीच हुए आर्थिक व रक्षा क्षेत्र से संबंधित समझौते की प्रगाढ़ता की कामना की है। गया-हनोई के बीच विमान सेवा शुरू करने संबंधी सवाल पर राजदूत ने कहा, अभी दिल्ली-हनोई के बीच विमान सेवा शुरू हुई है। गया एयरपोर्ट पर संसाधनों की कमी है, इसलिए अभी गया के लिए विमान सेवा नहीं शुरू की जा सकती है। वियतनाम से बड़ी संख्या में बोधगया आने वाले पर्यटकों के लिए दिल्ली व कोलकाता से बोधगया पहुंचने का विकल्प है।

बताया गया बोधगया का महत्व :

उपराष्ट्रपति को मंदिर के साधना उद्यान में महाबोधि मंदिर व बोधगया के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व की जानकारी दी गई। साधना उद्यान में उपराष्ट्रपति ने वियतनाम के एक चिकित्सक डॉ। लानी हंटर व तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की ओर से लगाए गए 'धर्म घंटे' को तीन बार बजाया। उपराष्ट्रपति को राज्य सरकार की ओर से जिलाधिकारी अभिषेक सिंह और बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) के सचिव एन। दोरजे सहित अन्य ने प्रतीक चिह्न के रूप में मंदिर का कैलेंडर भेंट किया। उपराष्ट्रपति ने भी सभी को स्मृति चिह्न भेंट किया। महाबोधि मंदिर परिभ्रमण के बाद उपराष्ट्रपति सुजाता बाईपास स्थित वियतनाम बुद्धभूमि मोनॉस्ट्री गई। जहां प्रभारी डॉ। लाम ने उनकी अगुवानी की। उपराष्ट्रपति ने करीब आधे घंटे तक मोनास्ट्री में पूजा-अर्चना की। इसके बाद वह गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गई। वहां से वायु सेना के विशेष विमान से वियतनाम का प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली चला गया।

Posted By: Inextlive