RANCHI: रांची पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठने लगा है। यह मामला अगोड़ा थाना से जुड़ा है, जहां एक अनुसंधानकर्ता द्वारा पीडि़ता की मदद करने के बजाय उसके केस को फॉल्स कर उसे ही जेल भेजने की धमकी दी गई। फोन पर उसे धमकाया जा रहा है कि यदि वह आरोपी का अता-पता नहीं बताई तो उसके केस को फॉल्स कर दिया जाएगा और झूठे केस के आरोप में उसे ही जेल भेज दिया जाएगा। पुलिस के इस रवैया से पीडि़ता और उसका परिवार पूरी तरह से सहम गया है। यह हाल तब है जबकि रविवार को ही मीटिंग में एसएसपी ने कनीय पदाधिकारियों को नसीहत दी थी।

इंस्पेक्टर से की शिकायत

पीडि़ता ने अनुसंधानकर्ता द्वारा धमकी दिए जाने के बाबत अरगोड़ा के इंस्पेक्टर से शिकायत की है। अगोड़ा इंस्पेक्टर ने कहा है कि यह कैसे संभव है पीडि़ता को पूरी तरह से न्याय मिलेगा और आरोपी के विरुद्ध न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ अनुसंधानकर्ता से भी स्पष्टीकरण पूछे जाएंगे।

सीसीआर डीएसपी ने दिया था कार्रवाई आदेश

पीडि़ता के आवेदन की कॉपी सीसीआर डीएसपी राजेंद्र प्रसाद को मिली थी, जिन्होंने पूरे मामला को देखते हुए केस को सही करार दिया था। साथ ही साथ अनुसंधानकर्ता को आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आदेश दिया था। लेकिन सुपरविजन रिपोर्ट मिलने के बाद भी अनुसंधानकर्ता पीडि़ता को ही डरा-धमका रहा है।

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक पीडि़ता ने अरगोड़ा थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि उसे एक युवक द्वारा शादी का झांसा देकर के उसकी संपत्ति हड़प ली गई। उसके साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया और उसे घर से निकाल दिया गया। इसके बाद उस युवक और उसके दोस्तों द्वारा उसका पीछा किया जाने लगा और जान मारने की नियत से कई बार हमले भी हुए। पीडि़ता अपनी जान बचाने के लिए दूसरे के घर में घुस गई थी तब उसकी जान बची। इस बाबत पुलिस की ओर से गैर जमानती धारा लगाया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पीडि़ता एसएसपी के बिहॉफ में डीएसपी यशोधरा से भी मिली थी। वहां से उसे आश्वासन मिला था कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा

Posted By: Inextlive