कोरोना संकट के बीच जहां हर कोई सवाधानी बरत रहा। वहीं आगरा में प्रशासन की लापरवाही का एक वीडियो सामने आया। जिसमें दो बच्चे कूड़े के ढेर से पीपीई किट उठाकर उसमें लकड़ी ले जा रहे थे। वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया।

आगरा (आईएएनएस)। सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो खूब वायरल हो रहा। जिसमें दो बच्चे आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के पास एक इस्तेमाल किए गए पीपीई किट में लकड़ी को घसीटते हुए ले जा रहे। वीडियो सामने आने के बाद जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने दावा किया कि उन्हें डीआरडीओ की प्रयोगशाला ADRDE के पास एक कब्रिस्तान के पास कूड़े के ढेर से इस्तेमाल किया गया पीपीई किट मिला था। बच्चों ने स्थानीय संवाददाताओं को बताया, 'हमने अपने जलाऊ लकड़ी को ले जाने के लिए सफेद सूट का इस्तेमाल किया। बाद में, जब हम घर पहुंचे, तो माता-पिता ने हमें तुरंत सूट को फेंकने के लिए कहा और हमने इसे पास के नाले में फेंक दिया। यह दोनों बच्चे खानाबदोश जनजाति के हैं और काम की तलाश में राजस्थान के भरतपुर से आगरा आए थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते यहीं फंसे हैं। बच्चों में से एक के पिता ओम प्रकाश ने कहा, "बच्चों को पता नहीं था कि वो सफेद सूट पीपीई किट है जो संक्रामक हो सकती है।'

सरकारी अस्पताल की नहीं है पीपीई किट

एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रभात अग्रवाल ने कहा, "वो पीपीई किट हानिकारक या खतरनाक हो सकती है जिनका उपयोग मेडिकल स्टाफ द्वारा किया गया है, जो कोविड -19 रोगी के संपर्क में आए थे। हालांकि, यूज्ड पीपीई किट तीन दिन की पुरानी है तो उससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। उसके बाद वायरस खुद नष्ट हो जाता है।' आगरा के नव नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आरसी पांडे ने कहा, "मैंने वीडियो देखा है। बच्चे जिस पीपीई किट को ले जा रहे हैं, वह किसी सरकारी चिकित्सा सुविधा से नहीं है। हमारे द्वारा खरीदी गई किट का रंग नीला है, जबकि यह सफेद है।"

बच्चों का किया जाएगा कोरोना टेस्ट

उन्होंने कहा कि सभी यूज्ड मेडिकल उपकरणों को अलग-अलग कंटेनरों में एकत्र किया जा रहा है। इसे कीटाणुनाशक के साथ छिड़का जाता है और फिरोजाबाद रोड पर डंप के लिए ले जाया जाता है। सभी को कचरे के वाहन से बाहर ले जाया जाता है तो फिर से सेनेटाइजेशन कर दिया जाता है और फिर एक बिजली की भट्टी में फेंक दिया जाता है। सीएमओ ने कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े कई लोग अब स्थानीय रूप से निर्मित पीपीई किट का उपयोग कर रहे हैं और वीडियो में दिख रही पीपीई किट उनमें से एक है। वीडियो में दिख रहे बच्चों और उनके परिवारों का कोरोना परीक्षण किया जाना बाकी है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari