- दिवंगत प्रकाश पंत के नाम रहा विधानसभा सत्र का पहला दिन

- सीएम, नेता प्रतिपक्ष सहित मंत्री पंत को याद कर हुए भावुक

>DEHRADUN: उत्तराखंड विधानसभा सत्र का पहला दिन दिवंगत कैबिनेट मंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत को समर्पित रहा। मंडे को सत्र शुरू होने के बाद समूचे सदन ने उन्हें नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पक्ष व विपक्ष के सभी सदस्यों ने स्व। पंत को बहुमुखी प्रतिभा का धनी, कवि, साहित्यकार, संसदीय परंपराओं के ज्ञानी व मृदुभाषी बताते हुए कहा कि राज्य के विकास में उनका योगदान हमेशा याद रहेगा। स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा परिसर में स्थित नवीन भवन का नाम स्व। पंत के नाम पर 'प्रकाश पंत विधानसभा अतिथि गृह' रखने की घोषणा की। स्पीकर ने कहा कि दिवंगत प्रकाश पंत ने राज्य में स्वस्थ संसदीय परंपरा की नींव रखी थी।

हर विधायक को उनसे सीखने की रहती थी ललक

मंडे सुबह विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कार्यकारी संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सदन के सम्मुख प्रस्ताव रखा। उनके प्रस्ताव के अनुसार प्रश्नकाल समेत सभी कार्याें को निलंबित करते हुए दिवंगत संसदीय कार्य एवं वित्तमंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि दी जाए। पीठ ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव स्वीकार किया। श्रद्धांजलि के मौके पर नेता सदन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्व। पंत के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर जानकारी दी। कहा, वे मृदुभाषी होने के साथ ही मुस्कान के साथ हर समस्या का निदान करने वाले व्यक्तित्व के धनी थे। जिनसे हर सदस्य को सीखने की ललक रहती थी। अंतरिम विधानसभा के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने संसदीय ज्ञान के जरिए इसे साबित किया और वे सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष रहे। स्व। पंत की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए सीएम के आंसू छलक पड़े। पानी पीने के बाद उन्होंने कहा कि हमने एक समाधानकर्ता खो दिया, जिनकी कमी हमेशा खलेगी और वे हमेशा याद आते रहेंगे। सीएम ने कहा कि बीमारी का जब पता चला, काफी देर हो चुकी थी। लेकिन नियति को यही मंजूर था।

नेता प्रतिपक्ष डॉ। हृदयेश भी हुई भावुक

नेता प्रतिपक्ष डॉ। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि पूर्व मंत्री पंत का असामयिक निधन हम सबकी अपूर्णीय क्षति है। ज्ञान को विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत करने की कला उनमें थी, जो अब ढूंढ़ने के बाद भी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने स्व। पंत के साथ अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि हम प्रकाश पंत को कई बार कहते थे कि आबकारी विभाग तुमने गलत लिया, यह तुम्हारे चरित्र के अनुरूप नहीं है। इस दौरान डॉ। इंदिरा भी इमोशनल हो गई। उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने स्व। प्रकाश पंत को हमेशा फॉलो करने वाले नेता बताया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी धरोहर को चिरस्थायी बनाए रखने का प्रयास होने चाहिए।

मंत्रियों ने भी पंत को किया याद

कार्यकारी संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्व। पंत का राज्य के प्रति समर्पण सभी के लिए इंस्पायरेबल है। काबिना मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि स्व। पंत ने जीएसटी काउंसिल में भी छाप छोड़ी। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने पंत को राजनीति में उच्च मानदंड स्थापित करने वाला नेता बताया। जबकि कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि पूर्व सीएम एनडी तिवारी की भांति स्व। पंत ने राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाई। इसी प्रकार से कैबिनेट मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत, राज्यमंत्री डॉ। धन सिंह रावत, राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी उन्हें याद किया।

विधायकों ने दी श्रद्धांजलि

सत्र में सभी विधायकों ने भी स्व। प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि दी। जिनमें हरबंस कपूर, कैलाश गहतौड़ी, राजेश शुक्ला, विनोद चमोली, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम पंवार, बंशीधर भगत, विनोद कंडारी, बिशन सिंह चुफाल, राजकुमार, गणेश जोशी, महेंद्र भट्ट, पुष्कर सिंह धामी, मुन्ना सिंह चौहान, मनोज रावत, प्रदीप बत्रा, राजकुमार ठुकराल, दिलीप रावत, गोविंद सिंह कुंजवाल, आदेश चौहान, ममता राकेश, देशराज कर्णवाल, हरभजन सिंह चीमा, महेश नेगी, ऋतु खंडूड़ी, सुरेश राठौर, सुरेंद्र सिंह नेगी, मुकेश कोली, सौरभ बहुगुणा, मीना गंगोला, सुरेंद्र सिंह जीना, संजय गुप्ता, सहदेव सिंह पुंडीर, स्वामी यतीश्वरानंद, राम सिंह कैड़ा, चंदनरामदास, बलवंत भौंर्याल, पूरन फत्र्याल, प्रेम सिंह राणा, विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान शामिल रहे।

पंत के चित्र पर माल्यार्पण

सत्र के दौरान सदन में प्रवेश करने से पहले सीएम, मंत्रियों एवं विधायकों ने मैन गेट पर पंत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। उसके उपरांत ही सभी ने सदन में प्रवेश किया।

Posted By: Inextlive