-दुर्लभ चित्रों से सजी है श्री दरबार साहिब की दीवारें

-मुगलों और श्री दरबार साहिब की निकटता दर्शाते हैं चित्र

DEHRADUN : कुमाऊंनी नथ पहने नूरजहां, झरोखों से एक-दूसरे को निहारते राधा-कृष्ण, माता पार्वती का भगवान गणेश को स्तनपान करवाना जैसे न जाने कितने दुर्लभ चित्र श्री दरबार साहिब में देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं गुरुद्वारे की दीवारों पर मुगल लघु चित्रों, पंजाबी, राजस्थानी शैली और पहाड़ी शैली का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है। ये चित्र मुगल साम्राज्य और श्री दरबार साहिब की निकटता को दर्शा रहे हैं। इन दिनों दरबार साहिब में देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये दुर्लभ वृत्तचित्र व भित्ती चित्र आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

पहाड़ी नारी के रूप में नूरजहां

श्री दरबार साहिब में जहां पर पर झंडे जी खड़े हैं, उसी अहाते के मुख्य द्वार पर नूरजहां को पहाड़ी नारी के रूप में दर्शाया गया है। इस भित्ति चित्र में नूरजहां कुमाऊंनी नथ पहने हुए है। यह चित्र लोक शैली पर आधारित है। यह माना जाता है कि इस चित्र को नवाब वाजिद अली शाह के राज्यकाल में बनवाया गया था।

प्रेम को दर्शाते चित्र

गुरुद्वारे की दीवारों पर राधा-कृष्ण के प्रेम-प्रसंगों पर आधारित ऐसे अनोखे चित्र देखे जा सकते हैं, जो पूरे भारत में लोगों को कहीं पर भी देखने को नहीं मिलेंगे। सूरदास ने अपने काव्य में कई जगहों पर कृष्ण और राधा के एक-दूसरे को झरोखे से झांकने का उल्लेख किया है। यहां की दीवारों पर कुछ इसी तरह से राधा-कृष्ण को एक-दूसरे को झरोखों से निहारते हुए देखा जा सकता है।

फूल, पशु-पक्षियों का चित्रण

गुरुद्वारा परिसर में गुरु राम राय जी महाराज की समाधि के अलावा चार और समाधियां भी बनी हुई हैं। इन्हें माता की समाधि कहा जाता है। यहां पर फूल, पशु-पक्षियों की अनोखे चित्रों के दर्शन किए जा सकते हैं। भगवान राम-लक्ष्मण द्वारा ताडि़का वध, राधा-कृष्ण रासलीला सहित विभिन्न धार्मिक चित्र, झंडे जी मेले की कथाएं, महंत, साधु सन्यासियों के चित्र, साधारण व्यक्तियों और अंग्रेजों के चित्र भी श्री दरबार साहिब की दीवारों पर देखे जा सकते हैं।

'श्री दरबार साहिब में दुर्लभ व अद्भुत वृत्त चित्र व भित्ति चित्रों को देखा जा सकता है। गुरुद्वारा परिसर में निर्मित भवन की दीवार पर गुरु राम राय जी महाराज के विचारों पर आधारित उदासीन संप्रदाय से जुड़े भित्तिचित्र बने हुए हैं, जबकि समाधि स्थल वास्तुकला बारादरी शैली में है.'

-बीपी सकलानी, मेला प्रभारी

Posted By: Inextlive