आय से अधिक संपत्ति केस में शासन ने विजिलेंस को नहीं दी अभियोजन स्वीकृति

तमाम आपत्तियां लगाकर शासन ने वापस की फाइल

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LUCKNOW(31 March): आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विजिलेंस जांच का सामना कर रहे बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को राहत मिल गयी है। शासन ने मामले की जांच कर रही विजिलेंस को राजभर के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए जरूरी अभियोजन स्वीकृति नहीं दी है। शासन ने अपनी 26 पन्नों की रिपोर्ट में विजिलेंस की जांच को लेकर कई आपत्तियां भी जताई हैं। शासन के इस रुख को सियासी नजरिये से भी देखा जा रहा है।

जांच में सही मिले थे आरोप

बसपा सरकार में परिवहन मंत्री रहे रामअचल राजभर की 10.34 अरब की संपत्ति के मामले की जांच से जुड़ा मामला है। लोकायुक्त संगठन में आनंद कुमार द्विवेदी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत दर्ज करायी गयी थी। लोकायुक्त संगठन ने अपनी जांच में आरोपों को सही पाया था। प्रदेश में सपा सरकार के गठन के बाद लोकायुक्त संगठन ने राजभर समेत माया सरकार के तमाम मंत्रियों के खिलाफ चल रही जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने इनमें से ज्यादातर मामले विजिलेंस को विस्तृत जांच के लिए सौंप दिए। इनमें रामअचल राजभर की आय से अधिक संपत्ति का केस भी था। विजिलेंस ने करीब एक साल तक मामले की खुली जांच के बाद अंबेडकरनगर में राजभर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और विवेचना शुरू की। इस दौरान विजिलेंस को राजभर के खिलाफ तमाम सुबूत भी मिले जिसके आधार पर उसने शासन से अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी थी।

ईडी ने भी जुटाये थे दस्तावेज

राजभर के खिलाफ विजिलेंस को जांच सौंपने के बाद ईडी ने भी इस बाबत प्रमाण जुटाने शुरू कर दिये थे। दरअसल ईडी को इस मामले में मनी लांड्रिंग होने का अंदेशा था जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने विजिलेंस के डायरेक्टर से मिलकर राजभर के खिलाफ जुटाये गये सुबूतों और जांच रिपोर्ट की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक ईडी भी मामले की पड़ताल कर रही है। इस मामले का एक विधिक पहलू यह भी है कि यदि विजिलेंस अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाती है तो ईडी को भी अपने हाथ वापस खींचने पड़ सकते है।

10 अरब 34 करोड़ आंकी

अंबेडकर निवासी आनंद कुमार द्विवेदी ने लोकायुक्त संगठन में रामअचल राजभर की 108 संपत्तियों का ब्योरा भी दिया था। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में राजभर ने अपनी कुल आय एक करोड़ 15 रुपये दर्शाई थी जो पांच साल में बढ़कर 28 करोड़ हो गयी। वहीं लोकायुक्त ने अपनी जांच में राजभर की कुल संपत्तियों की कीमत करीब 10 अरब 34 करोड़ रुपये आंकी। सामने आया था कि परिवहन मंत्री बनने से पहले राजभर के पास आठ संपत्तियां थी जो बाद में बढ़कर 49 हो गयी। जांच में यह भी सामने आया था कि राजभर ने ज्यादातर संपत्तियां दान में मिली दर्शाई थी।

विजिलेंस की जांच को लेकर रामअचल राजभर ने शासन को एक प्रत्यावेदन दिया था जिसमें जांच से जुड़े कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई गयी थी। विजिलेंस को प्रत्यावेदन में उठाये गये बिंदुओं की पड़ताल करने को कहा गया है।

एसके रघुवंशी, सचिव, सतर्कता

Posted By: Inextlive