- आरटीओ ऑफिस में मुख्य सहायक की कुर्सी पर बैठ 6 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस ने पकड़े दो दलाल

- विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान केबिन में पहुंचे मुख्य सहायक को भी किया गिरफ्तार, घर में भी सर्च

- एग्रीकल्चर यूज में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर को कॉमर्शियल में कन्वर्ट करने के लिए मांगी रिश्वत

देहरादून,

आरटीओ ऑफिस में दलालों के राज का विजिलेंस ने थर्सडे को भंडाफोड़ कर दिया। यहां मुख्य सहायक की कुर्सी पर दलाल बैठा था जिसे विजिलेंस ने 6 हजार रुपए रिश्वत लेते दबोचा, उसके साथ एक और दलाल और मुख्य सहायक को भी विजिलेंस गिरफ्तार कर ले गई। दलाल द्वारा एक व्यक्ति से एग्रीकल्चर यूज में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर को कॉमर्शियल में कन्वर्ट करने के लिए 6 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी, विजिलेंस ने ट्रैप टीम गठित कर दलालों को रंगे हाथ पकड़ लिया।

सरकारी कुर्सी पर ही धरे दलाल

विजिलेंस के डीआईजी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि एक व्यक्ति ने विजिलेंस से कंप्लेन की कि उसके पास एक ट्रैक्टर है, जो एग्रीकल्चर यूज में आरटीओ में रजिस्टर्ड है। ट्यूजडे को उसने ट्रैक्टर को कॉमर्शियल यूज में कन्वर्ट करने के लिए आरटीओ ऑफिस में एप्लाई किया तो काउंटर नंबर 4 पर मुख्य सहायक की सीट पर दलाल मोनू मलिक उर्फ संदीप कुमार निवासी मोहब्बेवाला बैठा था। मोनू ने उससे इस काम के लिए 6 हजार रुपये की डिमांड की। उसने बताया कि सरकारी फीस वह जमा करा चुका है तो दलाल ने 6 हजार रुपए दिए बिना काम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मोनू ने थर्सडे को रिश्वत की रकम के साथ आने को कहा। विजिलेंस ने करप्शन के इस खेल के खुलासे के लिए ट्रैप टीम गठित की और थर्सडे को कंप्लेनर ने जैसे ही रिश्वत की रकम काउंटर नंबर चार पर बैठे मोनू के हाथ में थमाई, उसे रंगे हाथ दबोच लिया। कार्रवाई के दौरान मोनू मलिक मुख्य सहायक की कुर्सी पर बैठा मिला, उसके साथ दूसरा दलाल प्रदीप पुत्र घनश्याम निवासी विकास लोक, सहस्रधारा रोड भी केबिन में बैठा था। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। कार्रवाई के दौरान ही मुख्य सहायक यशवीर बिष्ट भी केबिन में पहुंच गया, विजिलेंस ने उसे भी अरेस्ट कर लिया।

मुख्य सहायक के घर सर्च

मुख्य सहायक यशवीर बिष्ट को गिरफ्तार कर विजिलेंस की टीम सीधे उसके घर राजीव नगर रवाना हुआ और सर्च शुरू की। यहां से विजिलेंस ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं, उसकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई। आय से ज्यादा संपत्ति पाए जाने पर उसके खिलाफ एक और केस दर्ज हो सकता है। मुख्य सहायक यशवीर बिष्ट परिवहन मिनिस्टीरियल कर्मचारी महासंघ का जिलाध्यक्ष भी है। इसके साथ ही विजिलेंस की एक टीम दलाल मोनू के मोहब्बेवाला स्थित घर की तलाशी को पहुंची। यहां विजिलेंस को कई वाहनों की आरसी मिलीं।

सरकारी कुर्सी तक कैसे पहुंचे दलाल

करप्शन के इस मामले में चौंकाने वाली बात तो यह है कि दलाल सीधे आरटीओ ऑफिस में सरकारी केबिन में सरकारी कुर्सी पर बैठ सौदेबाजी करते मिले। जाहिर है विभागीय कर्मचारियों की उन्हें शह मिली हुई है। जिस दौरान दलाल कंप्लेनर से सौदेबाजी कर रहा था, मुख्य सहायक गायब था और उसकी कुर्सी पर दलाल था। यही नहीं, उसका दूसरा साथी भी वहीं मौजूद था, जो सरकारी फाइलें देख रहा था। विजिलेंस ने जब कार्रवाई की तो अचानक मुख्य सहायक भी पहुंच गया, उसे भी विजिलेंस ने धर लिया।

कदम-कदम पर करप्शन

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में कदम-कदम पर करप्शन है, इसका खुलासा भी दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पहले कर चुका है। हाल ही में पॉल्यूशन टेस्ट सेंटर की परमिशन के बदले में 10 हजार रुपए घूस लेते हुए विजिलेंस की टीम ने एक क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ा था। बीते सैटरडे को सहस्रधारा रोड स्थित ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ऑफिस में क्लर्क विपिन कुमार पॉल्यूशन टेस्ट सेंटर की पत्रावली आगे बढ़ाने के नाम पर रिश्वत ले रहा था। कार्रवाई के बाद पूरे डिपार्टमेंट में हड़कंप मचा हुआ है। एक सप्ताह के भीतर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में करप्शन का यह दूसरा खुलासा विजिलेंस ने कार्रवाई के दौरान किया।

Posted By: Inextlive