विजय माल्या भारत में प्रत्यपर्ण फैसले के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने से चूक गया है। माल्या ने भारत सरकार को अपना सारा बकाया लोन चुकाने की पेशकश की है। इसके अलावा उसने राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई भी दी है।

लंदन, ब्रिटेन (एएनआई)भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। दरअसल, भारत में प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ माल्या ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने से चूक गया है क्योंकि यूके हाईकोर्ट ने इसको लेकर उसकी अर्जी खारिज कर दी है। बता दें कि माल्या के लिए यह बड़ा कानूनी झटका है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देकर माल्या खुद को भारत में प्रत्यर्पण से बचा सकता था। अब माल्या के पास केवल यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ईसीएचआर) में अर्जी दाखिल करने का विकल्प है। अगर वह इसका उपयोग नहीं करता है तो उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है।

20 अप्रैल को खरिज हुई थी याचिका

लंदन की हाईकोर्ट में माल्या ने अपने भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसे 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था। लंदन की न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार, विजय माल्या को 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील करना था। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी आवेदन को खारिज कर दिया जाता है, तो यूके के गृह मंत्री को 28 दिनों के भीतर माल्या के प्रत्यर्पण पत्रों पर हस्ताक्षर करना होगा। हालांकि, यह भारत में प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अच्छी खबर होनी चाहिए, जो लंबे समय से भगोड़े व्यापारी को पकड़ने का इंतजार कर रहे हैं। ईडी ने पिछले कुछ वर्षों में धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत माल्या की कई संपत्तियों को कुर्क किया है। बता दें कि माल्या की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लोन फ्रॉड मामले के संबंध में की जा रही है। उन्हें भारतीय जांच एजेंसियों के अनुरोध पर 20 अप्रैल, 2017 को ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

पूरा बकाया लोन चुकाने की पेशकश

विजय माल्या ने गुरुवार को केंद्र सरकार से अपना पूरा बकाया लोन चुकाने की पेशकश को स्वीकार करने और उसके खिलाफ मामला बंद करने का आग्रह किया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की शुरुआत करने के लिए केंद्र को बधाई देते हुए, माल्या ने अफसोस जताया कि उसके बकाया भुगतान को लेकर उसके बार-बार के प्रयासों को भारत सरकार ने अनदेखा कर दिया है। मल्ल्या ने ट्वीट किया, 'कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे जितनी चाहें उतनी करेंसी छाप सकते हैं लेकिन क्या मेरे जैसे एक छोटे से योगदानकर्ता को बैंक ऋणों की 100 प्रतिशत वापसी की लगातार अनदेखी की जानी चाहिए? कृपया मेरे पैसे बिना शर्त वापस लें और सारा मामला बंद करें।'

प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या ने ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय का खटखटाया था दरवाजा

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के हाई कोर्ट में मुकदमा हारने के बाद भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने सोमवार को भारत में प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की। दरअसल, लंदन की हाईकोर्ट में माल्या ने अपने भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसे 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था। लंदन की न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार, विजय माल्या को 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील करना था।

Posted By: Mukul Kumar