9 हजार करोड़ की बैंकों की देनदारी के मामले में फरार चल रहे किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या की मुश्किलें और बढ़ सकती है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि प्रवर्तन निदेशालय ने अब राजनयिक चैनलों के माध्यम से विजय माल्या को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मागी है।


गैरजमानती वारंट जारीइससे पहले पचास पचास लाख रुपये के दो चेक बाउंस होने के मामले में हैदराबाद की अदालत ने विजय माल्या को दोषी ठहराया है, जिसके लिए कोर्ट अब 5 मई को माल्या को सजा सुनाएगा। सोमवार को ही मुबंई की एक विशेष अदालत ने आईडीबीआई बैंक के 950 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में विजय माल्या को तगड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। याद दिला दें कि शनिवार को विशेष कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आवेदन किया था। आवेदन किया गया था कि माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरेंट जारी किया जाए। इसपर कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में 18 अप्रैल को फाइनल फैसला सुनाया जाएगा। जिसमें यह फैसला सुनाया भी जा चुका है। मनी लॉन्ड्रिंग जैसा मामला
वहीं सबसे खास बात तो यह है कि इससे पहले कोर्ट में ईडी ने यह बताया था कि विजय माल्या को जो 950 करोड़ रुपये का आईडीबीआई लोन मिला, उसमें से 430 करोड़ रुपये से उन्होंने एक प्रॉपर्टी विदेश में खरीदी। जिससे यह साफ तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसा मामला है। गौरतलब है कि विजय माल्या पर 9000 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। 10 मार्च से 2 अप्रैल के बीच इन्हें ईडी ने अपने यहां पेश होने के लिए तीन बार समन जारी किए थे, लेकिन वह किसी में शामिल नहीं हुए हैं। विजय माल्या ने ईडी से हर बार यही कहा है कि फिलहाल वे मई से पहले भारत नहीं आ रहे हैं। मई के बीच में या आखिर में उनके यहां आने की संभावना है।

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Posted By: Shweta Mishra