स्‍कूल के दिनों से राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ का हिस्‍सा रहे विजय रुपाणी ज्‍यादा चर्चित तो नहीं लेकर बीजेपी की कोर टीम विजय रुपाणी से एक अर्से से वाकिफ है। विजय का नाम बीजेपी अध्‍यक्ष अमिता शाह के करीबियों में गिना जाता है। हाल ही में गुजरात के राजनैतिक मैदान में आनंदीबेन के मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद काफी उथल-पुथल मची थी। जिसके बाद बीजेपी ने गुजरात के अगले मुख्‍यमंत्री के तौर पर राज्‍य बीजेपी अध्‍यक्ष विजय रुपाणी के नाम पर मुहर लगा दी है। गुजरात के सीएम की रेस में राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री नितिन पटेल को आगे माना जा रहा था।


आपातकाल में जेल जाने वाले इकलौते मंत्री हैं रूपाणी संघ के बैकग्राउंड से आने वाले विजय रुपाणी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में गुजरात की सभी 26 सीटों पर अमित शाह और नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में पार्टी की रणनीति को बूथों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी थी। तब मोदी पूरे देश में और शाह उत्तर प्रदेश पर अधिक फोकस कर रहे थे। इस बीच दोनों ने रुपाणी को गुजरात में अपना प्रतिनिधि बनाया था। बीजेपी के सूत्रों के अनुसार वह दोनों के विश्वासपात्र हैं। वह गुजरात के अकेले ऐसे बीजेपी मंत्री हैं जो इमर्जेंसी में जेल जा चुके हैं। 1971 से संघ से जुड़े रहने वाले रुपाणी का नरेंद्र मोदी से परिचय तभी से है। रुपाणी के चयन को पटेल आंदोलन के परिपेक्ष में भी देखा जा रहा है। अमित शाह ने लगाई रुपाणी के नाम पर मुहर
जैन बनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रुपाणी को सीएम की कुर्सी मिलना उनके जन्मदिन के बिलेटेड गिफ्ट की तरह है। मंगलवार को ही रुपाणी का जन्मदिन था। सीएम पद के लिए नितिन पटेल का नाम लगभग तय हो गया था लेकिन अंतिम समय में शाह ने वीटो लगाकर रुपाणी के नाम पर मुहर लगाई। तर्क दिया गया कि पटेल आंदोलन और दलित आंदोलन के बीच जैन समुदाय से आने वाले रुपाणी आंदोलन को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उनके चयन पर किसी को आपत्ति नहीं होगी। जिसके बाद शुक्रवार को बीजेपी ने तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए अमित शाह के करीबी विजय रुपाणी को सीएम और नितिन को उप-मुख्यमंत्री का पद सौंपा।रंगून में जन्मे हैं गुजरात के सीएम विजय रुपाणीसौराष्ट्र का इलाका पटेलों का सेंटर माना जाता है। उनकी राजनीति यहां से प्रभावित होती है। रुपाणी का जन्म 1956 में तत्कालीन बर्मा की राजधानी रंगून में हुआ था। इनके परिजन बिजनेस के लिये वहां गये थे लेकिन इनके जन्म के बाद वे 1960 में राजकोट लौट आए। बीए, एलएलबी की पढ़ाई करने वाले रुपाणी ने पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् एबीवीपी के साथ छात्र राजनीति में एंट्री की थी। फिर बाद में वह संघ से जुड़े। रुपाणी राजकोट में लंबे समय तक मेयर भी रह चुके हैं। 2006 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया था। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद पर उन्हें गुजरात बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया था।

Posted By: Prabha Punj Mishra