-खुद रहते हैं गंदगी में, दूसरों को दे रहे स्वच्छता की सीख

-बिना दरवाजे वाले शौचालयों का विकास भवन में होता है प्रयोग

-पुरुषों के लिए बने शौचालयों में लटक रहा ताला

BAREILLY मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान को सरकारी महकमे ही पलीता लगा रहे हैं। विकास भवन के भू-तल पर बने टॉयलेट की हालत देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। गंदगी और बदबू के चलते इनका यूज करना बीमारियों को दावत देने जैसा है। कुछ ऐसा ही हाल अधिकारियों के कार्यालय के बगल में बने शौचालयों का भी है, लेकिन वह भी अधिकारियों की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। खुले में शौच न करने की हिदायत देने वाले खुद ही लोगों खुले में टॉयलेट जाने का मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में बाहर से यहां आने वाले लोगों को यह कमेंट करते सुना कि दूसरों को इज्जत और स्वच्छता की सीख देने वाले खुद ही गंदगी में रहते हैं।

महिला टॉयलेट का यूज कर रहे पुरुष

जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय के बगल में पुरुषों के लिए शौचालय बना है, लेकिन वह इसका यूज नहीं कर सकते हैं क्योंकि यहां ताला लगा हुआ है। विकास भवन कर्मचारियों का कहना है कि टॉयलेट से बहुत बदबू आती है इसलिए इसमें ताला लगा दिया। ऐसे में महिलाओं के लिए बने शौचालय का प्रयोग करते हैं।

महिला टॉयलेट बेपर्दा

विकास भवन के ग्राउंड फ्लोर पर बने ऑफिस की महिला कर्मचारियों को कुछ ज्यादा ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राउंड फ्लोर पर महिलाओं के लिए बने टॉयलेट के दरवाजे भी गायब हो चुके हैं और किसी ने उन्हें लगवाने की जरूरत नहीं समझी। ऐसे में महिला स्टाफ को टॉयलेट के यूज के लिए सेकंड फ्लोर पर जाना पड़ता है।

पानी की नहीं समझते कीमत

लोगों को पानी का महत्व बताने के लिए विकास भवन के अधिकारी समय-समय पर संगोष्ठी आयोजित करते हैं, लेकिन विकास भवन में ही पानी की जमकर बर्बादी हो रही है। अधिकारियों के कार्यालय के बगल में बने शौचालय के वॉश बेसिन में पानी बहता रहता है, लेकिन कोई भी पानी की इस बर्बादी रोकने की सुध नहीं लेता है।

Posted By: Inextlive